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बस्ती। प्रभु सम्बन्ध अभियान के तहत बस्ती कांवरिया संघ चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा होटल बालाजी प्रकाश में आयोजित श्रीमद्भागवत के दूसरे दिन कथावाचक शिवबली चौबे जी महाराज ने कहा कि अपने क्रोध पर काबू रखें। क्रोध से भ्रम पैदा होता है और भ्रम से बुद्धि विचलित होती है। इससे स्मृति का नाश होता है और इस प्रकार व्यक्ति का पतन होने लगता है। हम जो भी कर्म करते हैं उसका फल हमें ही भोगना पड़ता है। इसलिए कर्म करने से पहले विचार कर लेना चाहिए।
महाराज जी ने कहा कि बीते कल और आने वाले कल की चिंता नहीं करनी चाहिए, क्योंकि जो होना है वही होगा। जो होता है, अच्छा ही होता है, इसलिए वर्तमान का आनंद लो।
आत्मभाव में रहना ही मुक्ति है। नाम, पद, प्रतिष्ठा, संप्रदाय, धर्म, स्त्री या पुरुष हम नहीं हैं और न यह शरीर हम हैं। ये शरीर अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी, आकाश से बना है और इसी में मिल जाएगा। लेकिन आत्मा स्थिर है और हम आत्मा हैं। आत्मा कभी न मरती है, न इसका जन्म है और न मृत्यु! आत्मभाव में रहना ही मुक्ति है।
उन्होंने कहा कि परिवर्तन संसार का नियम है। यहां सब बदलता रहता है। इसलिए सुख-दुःख, लाभ-हानि, जय-पराजय, मान-अपमान आदि में भेदों में एक भाव में स्थित रहकर हम जीवन का आनंद ले सकते हैं।अपने को भगवान के लिए अर्पित कर दो। फिर वो हमारी रक्षा करेगा और हम दुःख, भय, चिन्ता, शोक और बंधन से मुक्त हो जाएंगे।
नजरिए को शुद्ध करें।
उन्होंने कहा कि हमें अपने देखने के नजरिए को शुद्ध करना होगा और ज्ञान व कर्म को एक रूप में देखना होगा, जिससे हमारा नजरिया बदल जाएगा। मन को शांत रखें। अशांत मन को शांत करने के लिए अभ्यास और वैराग्य को पक्का करते जाओ, अन्यथा अनियंत्रित मन हमारा शत्रु बन जाएगा।
भजन के माध्यम से महाराज जी ने कहा कि कभी भी किसी को सतना रे, जग से बुआई लेकर मत जाना रे।
इसके पूर्व बस्ती नगर में प्रातः काल जन जागरण हेतु प्रभात फेरी निकाली गई, और शहरवासियों से समय से कथा में पहुँचने की अपील की गई।
इस दौरान सुनील गुप्ता, संजय द्विवेदी, विवेक गिरोत्रा, भवानी प्रसाद शुक्ला, राजाराम गुप्ता, अरविंद चौधरी, संतीश सोनकर, विजय गुप्ता, परशुराम चौधरी, रविन्द्र कश्यप, संजू गुप्ता, हरि चौधरी, राधेश्याम मिश्रा सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
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