नाज़ है दुनिया को कृष्ण और सुदामा की मित्रता पर -- कवि तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु


मित्रता दिवस पर बधाई दें तो आख़िर किस को ! 


यहाँ तो मित्र भी मौका पाकर शत्रु बन जाते हैं !! 


*************************


नाज़ है दुनिया को कृष्ण और सुदामा की मित्रता पर ! 


फिर क्यों अपनी मित्रता में हम प्रगाढ़ हो पाते नहीं !! 


*************************


तुमसे मित्रता करके भी हमने देख लिया है ! 


रही शत्रुता की इसका तो सवाल ही नहीं !! 


*************************


मैं जानता हूं ज़माना रंग बदलने में गिरगिट का बाप है मगर ! 


किसी के मित्र बनकर दुनिया को वफ़ादारी सिखा क्यों नहीं देते !! 


*************************


मित्र धर्म का निर्वहन करके देखो तो कितना सुकून मिलता है ! 


केवल मित्रों की संख्या बढ़ा लेने से भला नहीं होगा तुम्हारा !! 


*************************


आज तो हैसियत देखकर लोग मित्रता का आमंत्रण करते हैं ! 


वह ज़माना और था जब लोग दिल की सुना करते थे !! 


************* तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु कवि व मंच संचालक अंबेडकरनगर उत्तर प्रदेश !


Popular posts
परशुरामाचार्य पीठाधीश्वर स्वामी श्री सुदर्शन महाराज द्वारा सम्मानित हुए —कवि डॉ० तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु
Image
पर्यावरण जागरूकता स्मृति सम्मान से सम्मानित हुए– कवि व मंच संचालक डॉ० तारकेश्वर मिश्र
Image
विश्व रिकॉर्ड में सम्मिलित हुए कवि व मंच संचालक– डॉ० तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु
Image
विद्या वाचस्पति मानद उपाधि से विभूषित हुए—कवि तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु
Image
हिंदी सिर्फ हमारी भाषा नहीं हमारी पहचान भी है – संचालक तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु
Image