एसओ कलवारी पर गंभीर आरोप लगा कर उच्चाधिकारियों को आवेदन भेज कर लगाया न्याय की गुहार


बस्ती। जनपद के कलवारी थाना क्षेत्र के तुरकौलिया गाँव निवासी पीड़ित दीप नरायन ने कलवारी थानाध्यक्ष तथा अन्य पुलिसकर्मियों के उत्पीड़न से तंग आकर पुलिस महानिदेशक लखनऊ उ0प्र0, पुलिस महानिरीक्षक बस्ती, पुलिस उपमहानिरीक्षक बस्ती परिक्षेत्र बस्ती, पुलिस अधीक्षक बस्ती तथा अध्यक्ष मानवाधिकार आयोग लखनऊ को पत्र देकर न्याय की गुहार लगाया है। बताते चले कि कलवारी थाना क्षेत्र के तुरकौलिया गांव निवासी दीप नरायन पुत्र स्व0राधेश्याम ने थानाध्यक्ष कलवारी विन्देश्वरी मणि त्रिपाठी पर गंभीर आरोप लगाया है। यदि आरोप में सच्चाई है तो यह मामला बेहद गंभीर है। 


     उच्चाधिकारियों को दिये गये प्रार्थना पत्र में प्रार्थी दीप नरायन ने आरोप लगाया है प्रार्थी के पड़ोसी प्रमोद कुमार पुत्र परशुराम प्रार्थी के मकान के पूरब प्रार्थी की जमीन पर शौचालय का गड्ढ़ा बनाने का प्रयास कर रहे थे। इस मामले में जब प्रार्थी ने इसका विरोध किया कि शौचालय का गड्ढ़ा मेरी जमीन में न बनवाया जाये तो प्रमोद कुमार ने थानाध्यक्ष विन्देश्वरी मणि त्रिपाठी से मिलकर उन्हें अनुचित लाभ पहुंचाकर अपने साथ साजिश में शामिल कर लिया। गत 21 जून को जब प्रार्थी घर पर नही था तो इसका लाभ उठाते हुए प्रमोद कुमार ने एसओ कलवारी, सब इंस्पेक्टर ओम प्रकाश मिश्र एवं दो सिपाहियो को बुलवाकर उनकी शह पर प्रार्थी के मकान के पूरब शौचालय का गड्ढ़ा खुदवाने लगे तभी प्रार्थी की माता कुसुम देवी मौके पर पहंुचकर अपनी जमीन में गड्ढ़ा खोदने पर विरोध करने लगी तभी प्रार्थी भी मौके पर पहंुच गया। प्रार्थी ने आरोप लगाया है कि थानाध्यक्ष विन्देश्वरी मणि त्रिपाठी ने प्रार्थी की माता कुमुम देवी को अपशब्द बोलने लगे। आरोप है कि थानाध्यक्ष द्वारा कहा गया कि यदि शौचालय के गड्ढ़े के निर्माण में कोई अड़चन पैदा करोगी तो थाने में बंद कर देगें। थानाध्यक्ष द्वारा माता को अपशब्द बोलने पर प्रार्थी ने थानाध्यक्ष से अपशब्द बोलकर जलील न करने की गुहार लगाया तथा शौचालय का गड्ढ़ा न खुदवाने हेतु विनती किया जिस पर थानाध्यक्ष विन्देश्वरी मणि त्रिपाठी और सब इंस्पेक्टर ओम प्रकाश ने प्रार्थी को गाली-गलौज देते हुए एनडीपीएस में चालान करने की बात करते हुए जीवन बर्बाद करने की धमकी दिया। आरोप है कि थानाध्यक्ष और एसआई ने प्रार्थी और उसकी माता को दुव्र्यवहार करते हुए गाड़ी में बिठाने का प्रयास किया परन्तु मौके पर मौजूद बच्चे इस घटना का वीडियो बनाने लगा जिसे देखकर ड्राईवर एवं सिपाहियों ने बच्चे से मोबाइल छीनकर वीडियो डिलीट कर दिया। इसके बाद प्रार्थी को गाड़ी में जबरन बैठाकर कलवारी थाने पर ले गये जहां थाना परिसर के कैन्टीन में प्रार्थी को लाठी-डण्डा और बेल्ट से बुरी तरह से मारा-पीटा गया और पूरी रात थाने में बंद रखा। खानापूर्ति में प्रार्थी के विपक्षी प्रमोद कुमार को भी पुलिस थाने पर लाई परन्तु थानाध्यक्ष द्वारा उसको वीआईपी ट्रीटमेन्ट दिया गया। आरोप है कि प्रार्थी के बड़े भाई श्याम नरायन को भी थाने पर लाकर प्रार्थी के साथ उनका भी चालान किया गया। प्रार्थी ने आरोप लगाया है कि पुलिस द्वारा कराये गये मेडिकल में प्रार्थी के शरीर पर चोटो का जिक्र है परन्तु षड्यंत्रवश पुलिस ने प्रार्थी के चालानी के साथ प्रार्थी का मेडिकल रिपोर्ट उपजिलाधिकारी बस्ती सदर के समक्ष जान बूझकर प्रस्तुत नही किया। प्रार्थी ने आरोप लगाया कि थानाध्यक्ष कलवारी द्वारा उन्हें फर्जी मुकदमें में फंसाने की बरामद धमकी दी जा रही है। पुलिस प्रार्थी का उत्पीड़न कर रही है। प्रार्थी दीप नरायन ने उच्चाधिकारियों से मामले को संज्ञान में लेकर आवश्यक कार्यवाही करने तथा थानाध्यक्ष कलवारी के कृत्यों की जांच कराकर प्रार्थी को संरक्षण देने की गुहार लगाया है। बताते चले कि यदि इस मामले में सच्चाई है तो यह मामला अति गंभीर है। उच्चाधिकारियों को इस मामले की जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करानी चाहिए।