लखनऊ:-देशी,अंग्रेजी शराब व बीयर विक्रेता,अब कारोबार करने को तैयार नहीं, फुटकर विक्रेताओ ने की बैठक, बिक्री हो गई है आधी


लखनऊ:-कोरोना संकट की वजह से उपजे हालात में बढ़ती आर्थिक दिक्कतों के चलते शराब और बीयर की लगातार घटती जा रही बिक्री और प्रदेश सरकार की नई आबकारी नीति में देसी व अंग्रेजी शराब का निर्धारित कोटा हर हाल में उठाने की बाध्यता की वजह से इन विक्रेताओं को अब राज्य में मयखाने चलाने का कारोबार रास नहीं आ रहा है, कल रविवार को इस बारे में माडल शाप, बीयर, देसी व अंग्रेजी शराब के फुटकर विक्रेताओं की एक गोपनीय बैठक हुई।


      इस बैठक में आज सोमवार के लिए रणनीति तय की गई, इस रणनीति के तहत आज  सोमवार को फुटकर दुकानों पर उपलब्ध पुराने स्टाक का वेरीफिकेशन होगा, इसके बाद यह विक्रेता जिला आबकारी कार्यालय पहुंचेंगे जहां अपने पुराने स्टाक का ब्यौरा देने के साथ ही दुकान सरेंडर करने का पत्र भी सौंपेंगे।



      शराब विक्रेता वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव कन्हैया लाल मौर्य एक सप्ताह पहले ही लखनऊ के जिलाधिकारी को पत्र सौंप चुके हैं, श्री मौर्य की मांग है कि शराब की बिक्री से कोटे की बाध्यता खत्म की जाए और लाइसेंस शुल्क भी घटाया जाए। 
      हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया है कि सोमवार को शराब की दुकानें बंद करने का फैसला लेने वाले फुटकर विक्रेताओं के साथ उनका संगठन नहीं है, इसके अलावा आबकारी विभाग के अन्य अफसरों के पास लखनऊ के अलावा अन्य जिलों से भी तमाम फुटकर विक्रेताओं के दुकान सरेण्डर करने की इच्छा जताते हुए पत्र पहुंच रहे हैं,  इन पत्रों को लेकर विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।


एवरेज, लगभग 50 प्रतिशत बिक्री गिरी


कंट्री लिकर की सेल में लगभग 60 प्रतिशत की गिरावट, अंग्रेजी शराब की बिक्री भी लगभग 40 प्रतिशत गिरने की आशंका, प्रदेश के शराब व्यवसायीयो के सामने सरकार के निर्धारित लक्ष्य को पूरा करना बड़ी चुनौती, कई जनपदों के व्यापारी दुकानो का लाइसेंस वापस करने के मूड में।
      निर्धारित कोटे से कम बिक्री को लेकर प्रदेश के फुटकर शराब व्यापारी परेशान, लखनऊ सहित कई जनपदों में लाइसेंस फीस वापस लेने के लिए दिए जा चुके है आवेदन, लॉक डाउन के दौरान 40 दिनों तक बन्द रही है शराब की दुकानें, पर 40 दिनों की फीस लें चुका है आबकारी विभाग।
      राजस्व बढ़ाने के चक्कर में आबकारी विभाग को नही दिख रही है व्यापारियों की बिक्री की समस्या, इस वर्ष निर्धारित लक्ष्य के 50 प्रतिशत का आंकड़ा पार करना विभाग के लिए चुनौती।


नरेन्द्र पंडित
  


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