अगर लाक डाउन में खेल रहे साप सीढ़ी या लूडो तो हो जाए सावधान,होंगे कंगाल या जाएंगे जेल


नई दिल्ली: आजकल टाइम बिताने के लिए ऑनलाइन लूडो या सांप सीढ़ी खेलना लोगों का फेवरेट काम बन गया है. लेकिन ध्यान रहे, लूडो खेलने का चस्का आपको कंगाल बना सकता है या फिर सलाखों के पीछे भी पहुंचा सकता है. दरअसल, ये पॉपुलर गेम सट्टेबाजी का नया खेल बन गया है. अचानक आपको टेलीग्राम या वॉट्सऐप पर लूडो या सांप सीढ़ी के ग्रुप में एड कर लिया जाता है. आप सोचते हैं कि ये तो खेल का ग्रुप है. खेलने में मजा आएगा.


लेकिन सावधान! ये सजा का कारण भी हो सकता है. दरअसल, देश के कई हिस्सों में ऑनलाइन लूडो और सांप सीढ़ी गैंग सक्रिय हो चुके हैं. ऐसे सट्टेबाजों की तरीका ये है कि पहले ग्रुप एडमिन लोगों को ग्रुप में जोड़ते हैं फिर एक लिंक भेजते हैं. इसके बाद ग्रुप एडमिन एक कोड देता है. जिससे ग्रुप के चार लोग अलग-अलग जगह पर रहकर लूडो खेलते हैं. बाकी लोग शर्त लगाते हैं कि कौन जीतेगा.


जीतने वाले से एडमिन कमीशन लेता है और शर्त में लगे पैसे अलग-अलग लोगों में हार-जीत के हिसाब से बंटते हैं. इसी तरह सांप सीढ़ी का लिंक भी दिया जाता है और जीतने वाले पर शर्त लगाई जाती है. इन गेम्स पर हजारों का सट्टा लगता है. 
गेम खेलने की शर्तें भी होती हैं
- लूडो, सांप सीढ़ी ग्रुप में एडमिन साफ कहता है कि विदाउट डिपॉजिट नो गेम. 
- गेम के बीच नेट पैक खत्म हो गया, फोन हैंग हो गया तो पैसे वापस नहीं मिलेंगे. 
- हर गेम के बाद बैलेंस पैसा डालना होगा. 
- ग्रुप में गाली देने वाले का बैलेंस जीरो माना जाएगा. 
- मिनिमम 100 रुपये की शर्त तो लगानी ही पड़ेगी.


ध्यान रहे कि सट्टेबाजों के ग्रुप में अगर आप फंस गए तो किसी भी समय विवाद की स्थिति आउट ऑफ कंट्रोल हो सकती है और दुश्मनी भी हो सकती है.


मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में इस तरह का गैंग पुलिस के हत्थे चढ़ा है. पुलिस ने इस गैंग को पकड़ने के लिए अपना मुखबिर भी ग्रुप में जोड़ा लेकिन एडमिन को शक हो गया तो कोड हासिल करने में सफलता नहीं मिल पाई. इसके बाद पुलिस ने एडमिन के दो साथियों को ट्रैप करने के लिए जाल बिछाया और ग्रुप एडमिन समेत दो और लोगों को दबोच लिया. इन पर जुआ एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है. इस मामले में पुलिस ग्रुप के बाकी सदस्यों की धरपकड़ करने में जुटी है.