सैनिटाइजेशन प्रक्रिया में भी धनउगाही शुरू,रूधौली विधायक ने डीएम से की शिकायत,सीडीओ ने जांच शुरू की


बस्ती : कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए जरूरी सैनिटाइजेशन प्रक्रिया में भी धनउगाही शुरू हो गई है। आरोप है कि छिड़काव में इस्तेमाल होने वाले सोडियम हाइपो क्लोराइड को उपलब्ध कराने के नाम पर प्रधानों से 500 से 1000 रुपये वसूले जा रहे हैं। जबकि इसकी कीमत 50 रुपये प्रति लीटर है। डीएम के निर्देश पर सीडीओ ने इसकी जांच शुरू कर दी है।


सल्टौआ विकास क्षेत्र में ऐसा मामला सामने आने के बाद विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने जिलाधिकारी से शिकायत की। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायतों को सोडियम हाइपो क्लोराइड का छिड़काव ग्राम निधि से करना था, लेकिन पंचायती राज विभाग ने कानपुर के सप्लायर से 11000 लीटर रसायन की आपूर्ति स्वयं ले ली। 2000 लीटर सीएमओ को देकर डीपीआरओ ने 9000 लीटर रसायन बेचने का जिम्मा एडीओ (पंचायत) को दे दिया। 25 रुपये लीटर वाला रासायन ब्लाक तक आते-आते 50 रुपये का हो गया। ग्राम पंचायतों के लिए इसकी कीमत 100 रुपये लीटर तय की गई, लेकिन प्रधानों से 500-1000 रुपये वसूले गए। यह खेल सल्टौआ नहीं पूरे जिले में हुआ है।


प्रधान गौहनिया राजेश पांडेय, जिनवा के अरुण शुक्ल, रुद्रपुर के कमलेश चौधरी, मुरादपुर के रामनिवास चौधरी, परसा खाल के रामशब्द, लक्ष्मणपुर के प्रधान प्रतिनिधि महेश चौधरी, पचानू के संतोष चौधरी, सेहमो के अनिल पांडेय, सिसवारी के मो. सफात, बहादुरपुर के चंद्रप्रकाश चौधरी, पकरी चौबे के कुतुबुल्लाह, चेतरा के शिव कुमार, अजगैवा जंगल के हरिराम यादव ने इस धनउगाही की पुष्टि की। एडीओ पंचायत सुरेंद्र राव ने बताया कि ग्राम पंचायतों को प्रति लीटर 100 रुपये ही जमा करने थे। रसायन की खरीद ग्राम पंचायतों को ग्राम निधि से करनी थी। कई प्रधानों ने इसके न मिलने की बात कही, जिसके बाद कानपुर से एकमुश्त रसायन खरीद लिया गया। प्रधानों ने इसे ब्लाक से स्वयं खरीदा है। हमारी कोई भूमिका नहीं है।


विनय कुमार सिंह, जिला पंचायत राज अधिकारी सोडियम हाइपो क्लोराइड की खरीद में वित्तीय अनियमितता की जांच कराई जा रही है। रिपोर्ट आने के बाद अगर कोई दोषी मिला तो उस पर जिलाधिकारी के निर्देशानुसार कार्रवाई की जाएगी।