बस्ती, जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के मिलने के बाद बस्ती मेडिकल कालेज के चिकित्सकों में खौफ है। ड्यूटी लगाई के बाद भी वे गैर-हाजिर रह रहे हैं। हालत यह है कि यहां के प्राचार्य भी इनकी सुधि नहीं ले पा रहे और इनकी उपस्थिति जांचने की बजाय मीडिया से खुद ट्रायल करने की बात कह रहे हैं। ड्यूटी सिर्फ चार्ट तक ही सिमट कर रह गई है। इधर, मामला संज्ञान में आने के बाद जिला प्रशासन द्वारा जांच कर दोषी चिकित्सकों के खिलाफ एक्शन लेने की बात कही जा रही हैसूत्रों की माने तो मेडिकल कॉलेज में बायो मैट्रिक सुविधा न होने के कारण इसका लाभ लेते हुए आधा दर्जन से ज्यादा डॉक्टर कभी कॉलेज आते ही नहीं।अपने प्रशासनिक जुगाड़ के बलबूते ये सिर्फ वीआईपी के आने पर ही हॉस्पिटल में आते हैं और उनके जाते ही चले जाते हैं। जिसमें दो सर्जन सहित अन्य महत्वपूर्ण विभागों के प्रोफेसर सामिल हैं विभागीय मिली जानकारी के अनुसार असिस्टेन्ट प्रोफ़ेसर डॉ कपिल गोयल, डॉ उषा यादव, डॉ नमीता चंद्र, डॉ राजेंद्र प्रसाद चौधरी ,डॉक्टर बृजेश कुमार यादव ,डॉक्टर पंकज वर्मा ,डॉक्टर प्रवीण बहादुर गौतम व प्रोफेसर डॉ विजय शंकर मौर्य(सर्जन) डॉ राजेंद्र प्रसाद चौधरी डॉ रेनू संगल(सर्जन) मेडिकल कॉलेज आने की जहमत नहीं उठाता जिसका खामियाजा मरीजो को उठाना पड़ रहा है। वही कॉलेज के प्राचार्य डॉ नवनीत कुमार चौहान ने कहा कि मेरे हिसाब से सभी स्टाफ आ रहे हैं की जांच का विषय है।वही जिला अधिकारी आशुतोष निरंजन कहा कि विषय गम्भीर इसकी जांच की जाएगी ।
साभार - हिन्दुस्थान समाचार