मंगल पाण्डेय अपने कृत्यों से बने स्वतंत्रता के प्रेरणास्रोत-चन्द्रमणि पाण्डेय


बस्ती । आज क्षेत्र के एस.डी चिल्ड्रेन एकेडमी आदर्शग्राम सहरायें में देश की स्वतंत्रता में अग्रणी भूमिका निभाने वाले देश के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मंगल पाण्डेय को याद किया गया कोरोना महामारी के मध्येनजर एक सादे समारोह में मंगल पाण्डेय की पुण्यतिथि पर शिक्षकों संगपुष्पार्चन कर उनके कृत्यों पर प्रकाश डालते हुए समाजसेवी चन्द्रमणि पाण्डेय ने कहा कि मंगल पांडे का नाम 'भारतीय स्वाधीनता संग्राम' में अग्रणी योद्धाओं के रूप में लिया जाता है, जिनके द्वारा भड़काई गई क्रांति की ज्वाला से अंग्रेजों के ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन बुरी तरह हिल गया था उनका जन्म 19 जुलाई 1827को हुआ था जिन्होंने अपनी हिम्मत और हौसले के दम पर समूचे अंग्रेजी हुकूमत के सामने  भारत में क्रांति का मशाल जलाने का काम 29मार्च 1857में किया था वो कलकत्ता (कोलकाता) के पास बैरकपुर की सैनिक छावनी में "34वीं बंगाल नेटिव इन्फैंट्री" की पैदल सेना के 1446 नंबर के सिपाही थे "मारो फिरंगी को" क्रांतिकारी “मंगल पांडे” की जुबां से निकला था ब्रिटिश जो उस समय देश को गुलाम बनाए हुए थे, उन्हें क्रांतिकारियों और भारतियों द्वारा फिरंगी नाम से पुकारा जाता था जनता और सैनिकों के दिल में क्रांति की जल रही आग को धधकाने के लिए और लड़कर आजादी लेने की इच्छा जो मंगल पाण्डेय ने जागृत की वो ब्रिटिश हुकूमत द्वारा आज के ही दिन 8अप्रैल 1857को मंगल पाण्डेय को फांसी के फन्दे पर लटकाने से भी शान्त नहीं हुई ऐसे भारत मां के अमर सपूतों के बलिदान स्वरूप आज देश आजाद है हमें इनके जीवन से देश हेतु सर्वस्व न्यौछावर करने की प्रेरणा लेना चाहिए इस मौके पर विद्यालय के प्रधानाचार्य उमानाथ द्विवेदी, अम्ब्रीश मिश्र,निष्ठा सिंह,शशी पाण्डेय व विवेक पाण्डेय मौजूद रहे