क्यों खास है मिथिला,सीता जी की जन्म स्थली है,हजारों लोग करते है दर्शन,जरूर जाएं


कोरोना वायरस से निपटने के लिए देश में घोषित 21 दिन के लॉकडाउन के बीच लोगों की मांग पर एक बार फिर से रामायण धारावाहिक का प्रसारण शुरू किया गया है। इस बीच लोगों को भगवान राम, सीता और रामायण के अन्य पात्रों के बारे में जिज्ञासा हो रही है। सुंदर घाटी, पहाड़ों से घिरे खूबसूरत शहर, झील, झरना और बीच, घूमने तो कई बार जा चुके होंगे आप। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी जगह के बार में बताने जा रहे हैं, जिसका संबंध त्रेता युग से जुड़ा हुआ है। जी हां, माता सीता का जन्मस्थल 'मिथिला'। धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के कई धरोहरों के लिए ये जगह विश्व प्रसिद्ध है, जहां समय निकालकर एक बार आपको जरूर जाना चाहिए।लॉकडाउन हटने और कोरोना संकट खत्म होने के बाद आपको एक बार समय निकालकर यहां जरूर घूम लेना चाहिए। फिलहाल इस पावन स्थल के बारे में हम आपको ये बता रहे हैं कि भविष्य में कभी आप यहां जाएं तो कौन सी जगहें घूमने लायक हैं।
राजनगर, दरभंगा
यह दरभंगा रियासत की पुरानी राजधानी रही है। दरभंगा महाराज के पुराने महलों के भग्नावशेष यहां की ऐतिहासिक समृद्धि को आज भी जिंदा रखे हुए हैं। हालांकि, यहां के महल अब खंडहर हो चले हैं। यह बिहार के मधुबनी में स्थित है।
जनकपुर धाम 
नेपाल में स्थित जनकपुर हिंदुओं का बड़ा तीर्थस्थल है। माता सीता के पिता महाराजा जनक यहां राज करते थे। भगवान राम की शादी सीता से यहीं हुई थी। इस पावन स्थल पर काफी भारी संख्या में लोग दर्शन के लिए आते हैं।
अहिल्या स्थान
रामचरित मानस में तुलसीदास और रामायण में वाल्मिकी ने इस भूमि को काफी पावन बताया है। यह जगह भारत सरकार द्वारा विकसित हो रहे रामायण सर्किट का हिस्सा है। यहीं से कुछ दूर स्थित ब्रह्मपुर गौतम ऋषि से जुड़ा स्थान है।
बलिराजगढ़
यह आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा संरक्षित स्थल है और इसे राजा बलि के गढ़ के रूप में जाना जाता है। पांच चरणों में हुई खुदाई में यहां तीन हजार साल पुरानी सामग्री मिली थी।