गर्मी लगे तो अपनाए ये प्राणायाम के तरीके,शीतलता महसूस करेंगे


प्राणायाम का अभ्यास करने के लिए आप सर्वप्रथम सुखासन में बैठ जाएं। अब अपनी जीभ को कुछ इस तरह मोड़े कि वह एक ट्यूब की तरह बन जाए। फिर इस नली के माध्यम से ही धीरे−धीरे मुंह से सांस लें।


 गर्मी के मौसम में व्यक्ति को एक नहीं कई समस्याओं से जूझना पड़ता है। जैसे−जैसे तापमान बढ़ने लगता है, शरीर में उर्जा का स्तर कम होने लगता है। इतना ही नहीं, इस मौसम में हीट स्ट्रोक, सनबर्न और निर्जलीकरण जैसी समस्याएं होती है। ऐसे में खुद को गर्मी से बचाने और शरीर को ठंडा रखने के लिए आप कई तरीके अपनाते होंगे। एक ओर जहां शरीर के पोषक तत्वों की पूर्ति और निर्जलीकरण के बचने के लिए आप अपनी डाइट में विभिन्न तरह के भोजन व पेय पदार्थों का सहारा लेते होंगे। इसी तरह, शरीर में नेचुरली ठंडक बनाए रखने के लिए प्राणायाम का सहारा लिया जा सकता है। दरअसल, ऐसे कई प्राणायाम हैं, जो शरीर के तापमान को बनाए रखने में मदद करते हैं और इसलिए गर्मी के मौसम में इनका अभ्यास अवश्य किया जाना चाहिए। तो चलिए जानते हैं इन प्रणायाम के बारे में−
 
शीतली प्राणायाम
यह एक प्रकार की ब्रीदिंग तकनीक है, जो विशेष रूप से शरीर को भीतर से ठंडा रखने में मदद करती है। इस प्राणायाम का अभ्यास करने के लिए आप सर्वप्रथम सुखासन में बैठ जाएं। अब अपनी जीभ को कुछ इस तरह मोड़े कि वह एक ट्यूब की तरह बन जाए। फिर इस नली के माध्यम से ही धीरे−धीरे मुंह से सांस लें। हवा इस ट्यूब से गुजरकर मुंह, तालु और कंठ को ठंडक प्रदान करेगी। जिससे आपको भीतर से ठंडक प्राप्त होगी। इसके बाद जीभ अंदर करके सांस को धीरे−धीरे नाक के द्वारा बाहर निकालें। आप मौसम के पारे और अपनी क्षमतानुसार इस प्राणायाम का अभ्यास कर सकते हैं।
 


शीतकारी प्राणायाम
शीतली प्राणायाम के अलावा शीतकारी प्राणायाम भी गर्मियों के लिए एक बेहतरीन प्राणायाम माना गया है। इस आसन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले किसी भी आसन में आरामदायक तरीके से बैठें। इसके बाद दोनों जबड़ों व दांतों को भींचकर रखें और होंठों को खुला रखें। इसके बाद सि' की सिसकी ध्वनि के साथ मुंह से वायु अंदर खींचें और कुछ देर के लिए अपनी क्षमतानुसार रोककर रखें। अब दोनों नासिकाओं से धीरे−धीरे श्वास छोड़े। यह एक चक्र हुआ। इस तरह आप अपनी क्षमतानुसार शीतकारी प्राणायाम का अभ्यास कर सकते हैं। कोशिश करें कि आप हर दिन इसके चक्र बढ़ाते चले जाएं।


मिताली जैन