और अब सरकार ने पैरासिटामाल फार्मूलेशन के निर्यात पर लगी रोक हटाया,इसके एक्टिव फार्मा इनग्रेडिएंट के निर्यात पर रहेगी रोक


सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के बीच पैरासीटामॉल दवा के बारे में एक बड़ा निर्णय लिया है. इस दवा से बनने वाले फॉर्मुलेशंस के निर्यात को खोल दिया है.


वाणिज्य मंत्रालय से जुड़े विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने शुक्रवार को एक अधिसूचना में कहा, ‘पैरासीटामॉल से बनने वाले फॉर्मुलेशंस (फिक्स्ड डोज मिश्रण) को तुरंत प्रभाव से निर्यात के लिए खुला कर दिया गया है. हालांकि, पैरासीटामॉल के एक्टिव फार्मा इनग्रेडिएंट (एपीआई) पर निर्यात प्रतिबंध जारी रहेगा.
3 मार्च को लगी थी रोक
पैरासीटामॉल दवा मुख्य रूप से बुखार में इस्तेमाल की जाती है. गौरतलब है कि इसके पहले ही सरकार ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के अलावा 12 दवाओं और 12 एपीआई के निर्यात से प्रतिबंध हटा लिया था. इन सभी के निर्यात पर 3 मार्च को रोक लगाई गई थी. केंद्र ने एक्सपोर्ट पॉलिसी में बदलाव करते हुए 26 दवाओं और फॉर्मुलेशन के निर्यात पर रोक लगा दी थी. पैरासीटामॉल, टिनिडाजोल, निओमाइसिन समेत 26 दवाओं और फॉर्मुलेशन पर रोक लगाने का फैसला किया गया था. दवाओं की कमी न हो, इसलिए आवश्यक दवाओं के निर्यात पर रोक लगा दी गई है थी.


बाद में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अनुरोध के बाद इस महीने की शुरुआत में भारत सरकार ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के निर्यात पर लगी रोक को हटाया था. अब पैरासीटामॉल के फॉर्मुलेशंस के निर्यात को भी खोल दिया गया है. भारत दुनिया में जेनरिक दवाओं के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता देशों में से एक है.