यस बैंक बड़े संकट में फंसा दिख रहा है और इसको बचाने की कवायद भी तेज हो गई है. ऐसा लगता है कि एक बार फिर सरकारी क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) सरकार के लिए संकटमोचक की भूमिका निभाएंगे. सूत्रों के मुताबिक यस बैंक को बचाने के लिए सरकार ने एसबीआई और एलआईसी का दरवाजा खटखटाया है.
एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात भी की है. निर्मला सीतारमण से मिलने के बाद रजनीश कुमार बोले कि पैनिक होने की जरूरत नहीं है, हम लोग सिस्टम बना रहे हैं.
क्या है योजना
योजना के मुताबिक, बैंकों और वित्तीय संस्थाओं का एक कंसोर्टियम यस बैंक में निवेश कर सकता है. एसबीआई और एलआईसी मिलकर यस बैंक में 49 फीसदी शेयर खरीद सकते हैं. प्रत्येक की हिस्सेदारी 24.5% होगी.
इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार एलआईसी और एसबीआई करीब 490 करोड़ रुपये में यस बैंक के 49 फीसदी शेयर हासिल कर सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक इस राहत योजना को रिजर्व बैंक से मंजूरी मिल चुकी है. एसबीआई बोर्ड ने गुरुवार को यस बैंक में निवेश के लिए सैद्धांतिक मंजूरी भी दे दी है. इस बारे में जल्द ही कोई ऐलान किया जा सकता है.
क्या कहा एसबीआई ने
एसबीआई ने स्टॉक एक्सचेंजों को बताया है, 'यस बैंक के मामले में बैंक के केंद्रीय बोर्ड द्वारा गुरुवार को चर्चा की गई है और बैंक में निवेश का अवसर तलाशने के लिए बोर्ड द्वारा सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई है.'
गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने यस बैंक पर सख्ती बरतते हुए इसके बोर्ड को सुपरसीड किया है और महीने में इससे निकासी की सीमा 50 हजार रुपये निकासी की सीमा तय की है. आरबीआई का ये आदेश अगले एक महीने के लिए है.
इसकी वजह से देश भर के यस बैंक ग्राहकों में डर कायम हो गया है और गुरुवार रात कई शहरों में यस बैंक के एटीएम में ग्राहकों की कतारें देखी गईं. रिजर्व बैंक ने कहा है कि जमाकर्ताओं और जनता के हित में यह कदम उठाया गया है.
कितना है जमा
यस बैंक में सितंबर, 2019 तक करीब 2 लाख करोड़ रुपये जमा थे. काफी पहले ही एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा था कि यस बैंक को डूबने नहीं दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि बैंक का ब्रैंड मजबूत है और उसने टेक्नोलॉजी में काफी निवेश किया है.
रिजर्व बैंक के सूत्रों ने बताया कि यस बैंक को अगले कुछ दिनों में ही संकट से निकाला जा सकता है.