माहवारी टालने वाली गोली से औरतों के शरीर पर क्या नुकसान होता है?




 











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रीमा 25 साल की हैं. पिछले महीने उनकी शादी हुई है. रीमा अपनी शादी की तारीख सुनकर काफी परेशान थीं, क्योंकि उसी तारीख को उनके पीरियड होते थे. रीमा की कजिन ने उसे एक गोली दी. कहा कि उस गोली को खाकर पीरियड को कुछ दिनों के लिए टाला जा सकता है. वो कजिन खुद काफी टाइम से ये दवा ले रही थी. रीमा ने सात दिनों तक वो गोली खाई. लेकिन इसके बाद वो काफी बीमार हो गईं. पीरियड्स हर महीने लेट होने लगे. और जब आते तो खून बहुत ज्यादा निकलता.


रीमा और उनकी कजिन की तरह कई लड़कियां घर में सत्यनारायण की कथा, त्योहार या लंबे सफर के दौरान ये गोलियां लेती हैं. इन गोलियों को खाकर टेंपररी राहत तो मिल जाती है, लेकिन इसके गंभीर नुकसान भी होते हैं.


इन दवाओं से होने वाले साइड इफेक्ट के बारे में जानने के लिए हमने डॉक्टर साधना काला से बात की. वह मूलचंद अस्पताल, नई दिल्ली में गायनेकोलॉजिस्ट हैं.


डॉक्टर साधना कहती हैं कि कोई भी गायनेकोलॉजिस्ट ये दवाइयां नहीं देते हैं. जरूरत पड़ने पर देते भी हैं, तो डॉक्टर पहले कैल्कुलेट करते हैं कि पीरियड को प्रीपोन करना है या पोस्टपोन. यानी की डेट से पहले पीरियड लाने हैं या डेट के बाद तक के लिए टालने हैं. डॉक्टर महिला की पीरियड हिस्ट्री और सेहत के हिसाब से ये तय करते हैं. लेकिन महिलाएं इस दवा को लेने से पहले कभी डॉक्टर से कंसल्ट नहीं करती हैं. वो सीधे मेडिकल स्टोर जाती हैं और इन्हें खरीद लेती हैं.


कैसे  काम करती है ये गोलियां


महिलाओं में पीरियड दो हार्मोन्स पर निर्भर होते हैं.


- एस्ट्रोजेन


- प्रोजेस्टेरॉन


पीरियड्स को टालने के लिए इन हार्मोन्स की गोलियां लेनी होती हैं. यानी कि ये गोलियां हार्मोनल साइकिल को प्रभावित करती हैं.


साइड इफेक्ट्स



  1. डॉक्टर बताती हैं कि इन दवाओं को लेने वाली महिलाओंं को कई बार अपनी प्रेग्नेंसी का पता ही नहीं चलता. क्योंकि उन्हें लगता है कि दवा की वजह से पीरियड डिले हुए हैं. इसके बाद बच्चा गिराने के लिए वह कॉन्ट्रासेप्टिप दवाएं खाती हैं या फिर अबॉर्शन कराती हैं. इससे उनकी सेहत और खराब होती है.

  2. अगर कोई महिला लगातार या लंबे समय तक इन गोलियों को लेती है, तो हॉर्मोन्स असंतुलित हो जाते हैं. उनके पीरियड टाइम पर आने बंद हो जाते हैं. इन दवाओं की वजह से कई बार पीरियड 5-6 महीने तक नहीं आते हैं.

  3. 16-18 साल की लड़कियों और मीनोपॉज के करीब महिलाओं को डॉक्टर्स ये दवा न खाने की सलाह देते हैं. क्योंकि उनके हॉर्मोन्स पहले से ही असंतुलित होते हैं. और इन दवाओं के उनकी सेहत पर बहुत बुरे साइड इफेक्ट हो सकते हैं.

  4. इसके अलावा लगातार इन दवाओं को लेने पर ब्रेन स्ट्रोक, लकवा, मिर्गी के दौरे भी हो सकते हैं