इंडियन हो या वेस्टन ड्रेस एम्ब्राइडरी से आता है निखार,शिखा सूरी



   शिखा सूरी को "#क्वीन_ऑफ_इम्ब्रॉइडरी" कहा जाता है. उनकी बनाई एक डिजाइन दूसरे से मेल नही खाती। वो खुद एक एक डिजाइन स्केच करती है। उनके डिजाइन भारत की पुरानी कला संस्कृति से जुड़ी होती है। वेलवेट उनका पसंदीदा कपड़े है ।             


मखमल हलकी बुनाई के रोयेंदार रेशमी कपड़े को कहते हैं. इसको ही अब वेलवेट कहते है.यह साधारण रेशम और प्लाश की रोयेंदार सतह पर बनाया जाता है. मखमल की बुनाई करते समय पहले से तैयार रेशमी धागों को अलग अलग किया जाता है. अलग-अलग होने पर यह धागे गुच्छे के रूप में रेशमी, सूती या किसी भी बुने कपड़े के आधार पर सीधे रहते है. प्राचीन काल में मखमल पोशाकों के लिये काफी लोकप्रिय रहा है. राजकीय, सामाजिक तथा धार्मिक अवसरों पर मखमल के परिधानों का विशेष रूप से उपयोग होता था. इसके कई उपयोग भी हैं जैसे पर्दे के रूप में, सोफे के गद्दे तथा लिहाफों के खोल के रूप में. हलकी बुनाई का मखमल हाथ के करघे से बुना जाता है. यह मखमल ताने के धागों की दो कतारों तथा बाने के धागे की एक कतार से तैयार होता है.
वेलवेट की ड्रसेज विंटर के ब्राइडल सीजन में सबसे टौप ट्रेंड में है. केवल दुल्हन के लिये ही नहीं दूल्हे और शादी  में शमिल होने आये दूसरे लोगों में भी वेलवेट पहली पंसद बनती जा रही है. इसकी वजह है कि यह फैशनेबल होने के साथ ही साथ सीजन के हिसाब से जाडे से बौडी को बचाती भी है. इसके साथ ही साथ वेलवेट की ड्रेसेज पर हर तरह की कढाई अब होने लगी है. ऐसे में यह पहनने वाले को आसानी से दूसरों से अलग दिखाने में सक्षम होती है. 
'कारनेशन्स' फैशन ब्रांड की ओनर शिखा सूरी कहती है 'ब्राइडल के लिहाज से देखे तो दुल्हन की पहनने वाले लंहगों में वेलवेट हमेशा से पंसद किये जाते रहे है. शादी  के विंटर सीजन में सबसे ज्यादा वेलवेट के लंहगे पंसद किये जाते है. अब दुल्हन के लंहगे के साथ ही साथ सिल्क की साडियों के साथ वेलवेट के ब्लाउज भी खूब पहने जा रहे है.  
शिखा सूरी कहती है कि बहुत सारे लोगों के पास सिल्क की साडिया पुरानी होकर अलमारी में रखी रहती है. ऐसे में उनको बाहर निकालने का समय आ गया है. सिल्क की साडियों पर वेलवेट के कढाई वाले ब्लाउज फैशन ट्रैंड में है. विंटर में यह बौडी को जाडो से बचाकर भी रखते है. शादी के सीजन में केवल दुल्हन ही नहीं अब दूसरे लोग भी वेलवेट की ड्रेसेज पहन सकते है. शिखा कहती है केवल इंडियन ड्रेस में ब्लाउज ही नहीं वेस्टन ड्रेसेज में भी वेलवेट खूब पसंद किये जा रहे है. 
शादी  विवाह ही नहीं दूसरी पार्टीज में यूथ और बच्चो को भी वेलवेट की ड्रेसेज पंसद आ रही है. छोटी लडकियों के लिये वेलवेट प्लेयर कुर्ता सलवार का पूरा सूट भी पंसद किया जा रहा है. यूथ लडकियां पाकिस्तानी स्टाइल के क्यूलौक्ट को मीडियम लेंथ के लूज कुर्ते के साथ पहन सकती है. क्यूलौक्ट प्लाजो और पेंसिल पैंट के बीच की छोड़ी मोहरी वाली पैंट टाइप की होती है. इसके अलावा शेरवानी स्टाइल का कुर्ता भी वेलवेट से तैयार होता है. वेलवेट की शॉल  और वेलवेट का पूरा सलवार सूट भी खूब पसंद किया जाता है.
वेलवेट की पार्टी डेªसेज में  गाउन और लौग टयूनिख में चोकर का प्रयोग किया जाता है. चोकर गले में बांधे जाने वाला ज्वेलरी नुमा वेलवेट का कपडा होता है. इसमें सुदंर कढाई की जाती है. लडकियों के पसंद आने वाले जंपशूट  भी वेलवेट से बनने लगे है. काफ्रतान ड्रेसेज भी पंसद की जा रही है. इनमें कुर्ते की एक बांह पर कढाई होती है और एक बांह प्लेन रहती है. शिखा  कहती है इस विंटर सीजन वेलवेट सबसे ज्यादा पंसद किया जा रहा है. 
'कारनेशन्स' फैशन ब्रांड की ओनर शिखा सूरी को वेलवेट पर काम करने का बहुत शोक  है वह इस पर कढाई के नये मापदंड बना रही है. पेश  है शिखा  सूरी से तीन सवाल:
? - वेलवेट में कढाई में आप नया क्या कर रही है ?
0 - वेलवेट में हैंड मेड इंब्राडरी का काम बेहद कम होता जा रहा है. मैं अपने डिजाइनों से लोगों को यह समझाना चाहती हॅू कि हैंडमेड कढाई भी बजट में कराई जा सकती है. इससे सामान्य लोग भी वेलवेट की ड्रेसेज को पहन सकते है. 
? - 'कारनेशन्स' की ड्रेसेज दूसरो से अलग कैसे है ?
0 - हम अपनी डेªसेज की कढाई खुद करते है. इसके बाद ट्रेसिंग पेपर के सहारे कपडे पर उसको ट्रेस करते है. इसके बाद मेरी देखरेख में ही कारीगर इसकी कढाई और कटिंग और सिलाई करते है. जिससे परफेक्ट फिटिंग और डिजाइन मिलते है. 
? - आपके लिये कढाई का क्या मतलब है ?
0 - मेरे लिये कढाई केवल कपडो को बेचने का जरीया भर नहीं है. मैं उडीसा की रहने वाली हॅू. मुझे भारत की कला संस्कृति को संरक्षण शोक भी है. केवल वेलवेट पर ही नहीं कौटन, सिल्क, चिकन सहित दूसरे कपडों पर भी कढाई कला को संरक्षित कर रहे है.