धारा 370,35ए पर आयोजित हुई गोष्ठी,वक्ताओं ने संविधान की जीत बताया
बस्ती । 6 दिसम्बरकौटिल्य वार्ता,  डा. वी.के. वर्मा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सांइस' बसहवा गोटवा बाजार में 'जम्मू कश्मीर में धारा 370, 35 ए पहले और अब' विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि हिन्दू युवा वाहिनी प्रदेश प्रभारी एवं विधायक राघवेन्द्र  प्रताप सिंह ने कहा कि इच्छा शक्ति मजबूत रखने वाली भाजपा सरकार ने 70 वर्षो से गुलामी झेलने वाले जम्मू कश्मीर से धारा 370 और 35 ए को एक झटके में समाप्त कर कश्मीर की जनता को पूर्ण स्वतंत्रता का अधिकार दिया। जम्मू-कश्मीर में दूसरे राज्यों के लोग जमीन जायदाद नहीं खरीद पाते थे । यह एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होने डा. वी.के. वर्मा और आलोक रंजन की सराहना करते हुये कहा कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में चिकित्सा के क्षेत्र में जो योगदान है वह सराहनीय है।


विशिष्ट अतिथि हियुवा जिलाध्यक्ष अजय अज्जू हिन्दुस्थानी ने कहा कि लोकप्रिय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्ग दर्शन में प्रदेश तेजी के साथ विकसित हो रहा है। आतताईयों, दुराचारियों का अंत होने के साथ ही अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
कार्यक्रम का संचालन करते हुये वरिष्ठ रचनाकार डा. रामकृष्ण लाल 'जगमग' ने कविताओं के माध्यम से मन मोह लिया। उनकी रचना 'झूम रही है मन की डाली, जमकर आज बजाओ ताली'' हटा 370 जब से भारत में आयी खुशहाली, को सराहा गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये डा. वी.के. वर्मा ने कहा कि उन्होने सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में चिकित्सा के अभाव में लोगों की मुश्किलों को देखा है। मानव सेवा के बड़े संकल्प को लेकर आज गोटवा और बसहवा में छात्रों को बेहतर शिक्षा दी जा रही है। यह स्वयं में बड़ी उपलब्धि है। आज जो पौध रोपे गये हैं उनकी सेवा होगी जिससे पर्यावरण रक्षा के क्षेत्र में योगदान हो सके।
डा. वी.के. वर्मा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सांइस के निदेशक डा. आलोक रंजन ने आगन्तुकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुये कहा कि जो सुझाव और मार्ग दर्शन मिला है उस अनुरूप इंस्टीट्यूट को विकसित किया जायेगा। इस अवसर पर  विधायक राघवेन्द्र प्रताप सिंह, अजय अज्जू हिन्दुस्थानी, डा. रामकृष्ण लाल 'जगमग' को सम्मान-पत्र, अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से विनय सिंह, विजय नरायन सिंह, अर्जुन पण्डित, शशि भूषण सिंह, रामदिनेश चौधरी, कन्हैयालाल, प्रकाश चौधरी, महेन्द्र त्रिपाठी, जितेन्द्र यादव, दुर्गेश भारतवंशी, बब्लू निषाद, राजेन्द्र निषाद, सूरत प्रसाद दूबे, नन्दू मिश्र, घनश्याम मिश्र, बलराम गुप्ता, डा. सुरेन्द्र कुमार, ार्मेन्द्र कुमार, वृजेन्द्र चौधरी, महादेव, पवन गुप्ता, वृजेश पटेल, ज्ञानदास चौधरी, जगनरायन वर्मा, डा. राजेश चौधरी, डा. अरविन्द गौड़, वीरेन्द्र वर्मा, अमरेश कुमार, सत्य प्रकाश, शिव प्रसाद, वीरेन्द्र चौधरी, भोलू सिंह के साथ ही इंस्टीट्यूट के छात्र, चिकित्सक शामिल रहे।