बीच समंदर में छोटा-सा आइलैंड, जहां होता है हर बुरा काम!


दुनिया में अच्‍छाई है, तो बुराई भी है। लोग चैन और सुकून की तलाश में कहां-कहां नहीं भटकते। छुट्ट‍ियां मनाने ऐसे सुदूर इलाकों में पहुंच जाते हैं, जहां दूर-दूर तक कोई नहीं होता। दक्ष‍िण अफ्रीका के समुद्री तट से कुछ मील की दूरी पर विक्‍टोरिया तलाब के बीच ऐसा ही एक छोटा सा टापू है। बेहद छोटा। आधा एकड़ जमीन वाले इस आइलैंड पर मछुआरा समुदाय के लोग बसते हैं, लेकिन इन दिनों यह आइलैंड अपनी करतूतों के कारण पूरी दुनिया में बदनाम हो गया है।


टीन की झोपड़‍ियों के पीछे है अलग दुनिया


युगांडा और केन्या की सीमा पर बने इस मिगिनगो आइलैंड में गिने चुने पेड़-पौधे हैं। टीन से बनी झोपड़ियों में मछुआरों की फैमिली रहती है। इस आइलैंड पर लोगों का ध्‍यान तब गया, जब बीते दिनों यहां अचानक से बाहरी दुनिया की आवाजाही बढ़ गई। चर्चा शुरू हुई और जब पता लगाया तब जो भेद खुला वह चौंकाने वाला था।


बन गया सबसे छोटा भीड़भाड़ वाला आइलैंड


रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस छोटे से आइलैंड पर कई वेश्यालय चल रहे हैं। जी हां, बाहर से टीन की झोपड़‍ियों से ढके होने के कारण बाकी दुनिया को अंदर का कोई हाल नजर नहीं आता। लेकिन अंदर यहां कई होटल, ब्यूटी और मसाल पार्लर चल रहे हैं। हालात ऐसे हैं कि इसे दुनिया का सबसे छोटा भीड़भाड़ वाला आइलैंड बताया जा रहा है।



इस आइलैंड पर बसते हैं 500 से ज्‍यादा लोग
मिगिनगो आइलैंड केवल 2,000 स्क्वेयर मीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। जबकि यहां 500 से ज्यादा लोग रह रहे हैं। इस टापू पर गोरखधंधे की लिस्‍ट सिर्फ वेश्‍यालय और मसाज पार्लर तक सिमित नहीं है, बल्‍क‍ि यहां शराबखाने भी बने हुए हैं। कुल मिलाकर अय्याशी का सारा साधन यहां मौजूद है। कुछ रिपोर्ट्स में तो यहां सस्‍ते ड्रग्‍स के इस्‍तेमाल की भी बात की जा रही है।


कौन आया था पहली बार यहां


बताया जाता है कि 1991 में सबसे पहले डलमास टेम्‍बो और जॉर्ज कीबेबे नाम के दो मछुआरे यहां आए थे। तब यह छोटा सा आइलैंड जंगली घास (गांजा) और सांपों से पटा पड़ा था। साल 2004 में युगांडा के जोसेफ यहां पहुंचे तो उन्‍हें एक वीरान घर मिला। धीरे-धीरे केन्‍या, युगांडा और तंजानिया के दूसरे मछुआरे भी यहां आने लगे और बसने लगे।



आइलैंड के लिए भ‍िड़ गए हैं केन्‍या और युगांडा
इस आइलैंड पर लोगों के बसने का मुख्‍य कारण मछलियों का व्‍यापार था। साथ ही यह कि इन्‍हें यहां रहने और व्‍यापार के लिए कोई टैक्‍स भी नहीं देना था। हालांकि, केन्या और युगांडा जैसे अफ्रीकी देश अब इस आइलैंड पर अपना हक जमाने के लिए आपस में भ‍िड़ गए हैं। बीते साल सितंबर में केन्या पुलिस के कुछ अधिकारियों ने यहां पहुंचकर केन्या का झंडा फहराया था, जिसके बाद विवाद बढ़ गया था।