पत्रकार प्रसून शुक्ला ने दिया अल्टीमेटम


*बस्ती जनपद का बहुचर्चित कबीर हत्या कांड में हाथ पर हाथ धरे बैठी बस्ती पुलिस* *न्याय की आस में बीजेपी नेता विनीत त्रिपाठी ने पत्रकार, मानवाधिकारवादी, शिक्षाविद प्रसून शुक्ला से दखल देने की मांग की* *प्रसून शुक्ला का जिला प्रशासन को अल्टीमेटम* *"अब 48 घंटे का और इंतजार वरना मैं  भी करूंगा आमरण अनशन"*
*40 दिन बाद भी मामले का खुलासा नहीं, 8 में से एक हत्या आरोपी को दूसरे केस में लखनऊ से गिरफ्तार कर बचाव का रास्ता खोला*
      *पुलिस की हीलाहवाली से मामले में लीपापोती के आरोपों को बल मिला*
      *मृतक के परिजन 40 दिन बाद आमरण अनशन पर बैठे*
      *आमरण अनशन पर बैठे परिजनों को जिले के आला अफसर अपरोक्ष रूप से धमका रहे हैं।* *पुलिस और प्रशासन अपनी नाकामी छुपाने के लिए पीड़ितों की ही गिरफ्तारी करने का डर दिखा रही है।*
*ट्विट करके प्रसून शुक्ला ने मामले को गृहमंत्री, मुख्यमंत्री समेत तमाम आला अधिकारियों को सचेत किया।*


*पूरा मामला :* 
9 अक्टूबर 2019 की सुबह 10 बजे के आसपास आदित्य नारायण तिवारी उर्फ कबीर की गोली मार कर हत्या कर दी जाती है. गोली मार कर भाग रहे 2 लोगो को जनता पकड़ कर पुलिस को दे देती है।
      गोली लगने के बाद कबीर को जिला अस्पताल ले जाया जाता हैं वहां से लखनऊ भेजा जाता हैं लखनऊ ले जाते हुये कप्तानगज के पास वो मर जाता है उसे वापिस बस्ती लाया जाता है जहा उसके समर्थक हिंसक हो जाते हैं बस्ती सांसद हरीश द्विवेदी जी अपनी देख में पोस्ट मार्टम व अंतिम संस्कार करवाते है।
      दूसरे दिन से कबीर के घर नेताओं का आना चालू हो जाता है कबीर के घर केबिनेट मंत्री बृजेश पाठक, स्वतंत्र प्रभार मंत्री सतीश द्विवेदी, मंत्री उपेंद्र तिवारी, जिले के विधायक के अलावा पूर्व विधायक राकेश पांडेय, विधायक खब्बू तिवारी बहुत लोग आये बड़ी बड़ी बाते हुई लेकिन बस्ती पुलिस कुछ नही कर सकी 14 को भाजपा नेता विनीत तिवारी धरने पर बैठे बड़े बड़े आसवासन देकर अनशन स्थगित करवाया गया और DM ओर SP को हटा दिया गया लेकिन जांच में कुछ भी आगे नही हुआ कुछ दिन बाद एक अभियुक्त को लखनऊ पुलिस ने कट्टे के साथ पकड़ा और जेल भेज दिया।
आज 40 दिन हो गए और कुछ नही हुआ 8 लोग नामजद एफआईआर व 2 अज्ञात लोगो के खिलाफ रिपोर्ट है।