संसार के चिरंजीवी महापुरुषों में एक नाम परशुराम –कवि तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु

 


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भगवान श्री परशुराम जी की जयंती पर उत्तर प्रदेश साहित्य सभा अम्बेडकरनगर के तत्वावधान में अखिल भारतीय आनलाइन कवि सम्मेलन का आयोजन जिला संयोजक कौशल सिंह सूर्यवंशी के संयोजन व वरिष्ठ साहित्यकार तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु के संचालन में आयोजित किया गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता हरियाणा की वरिष्ठ कवयित्री श्रीमती रेणु अब्बी रेणु ने किया। इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि कर्नाटक की सशक्त हस्ताक्षर वरिष्ठ साहित्यकार डॉ अर्चना श्रेया तथा विशिष्ट अतिथि महाराष्ट्र के कवि मारोती गंगासागरे रहे। कार्यक्रम सर्वप्रथम कौशल सिंह सूर्यवंशी द्वारा मां सरस्वती की वाणी वंदना के साथ प्रारंभ हुआ ! इसके बाद कवियों ने अपनी अपनी रचनाओं के माध्यम से भगवान परशुराम जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला ! कौशल सिंह सूर्यवंशी ने पढ़ा – जो दे रहे हैं सुख सुकून शांति , उनके चेहरे पर बनी रहे कांति , ईश्वर से है सबके लिए कामना , मन रहे प्रसन्न मिटे सब भ्रांति ! युवा कवि संजय सवेरा ने पढ़ा – जो नहीं समझे वक्त को वही मिट गए , बस अपने अपने सांचे में सिमट गए , जो चले वक्त के साथ , एक बार फिर इतिहास वही लिख गए ! श्रीमती रेणु ने पढ़ा – भारतवर्ष के आप ही हो दिव्य भाल , विश्व सृष्टि की आप ही हो सत्ताधारी ढाल ! डॉ अर्चना श्रेया ने पढ़ा – मन की ये बेचैनियाँ शब्दों का ये मौन , तुम बिन मेरे दिल को समझे कौन ! मोरारजी गंगासागरे ने पढ़ा – द्वेष क्लेश मिटाएंगे , जाति पाति भूलकर मानवता धर्म सजाएंगे ! संचालक तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु ने पढ़ा – पल-पल की हैसियत का अंदाज़ा नहीं तुमको , एक पल में ज़िंदगी का क़िस्सा बदल जाता है ! कार्यक्रम के अन्त में जिलाध्यक्ष तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु ने अक्षय तृतीया एवं परशुराम जयंती की शुभकामनाएं देते हुए सभी कवियों का आभार व्यक्त कर कार्यक्रम का समापन किया !