वाणी भूषण से अलंकृत हुए – कवि तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु

 


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अंबेडकरनगर ! यूं तो मेरी कविताओं में समाज की हक़ीक़त है ! तुम इसे कोई कहानी समझो यह तुम्हारी मर्ज़ी !! जैसे शेरों से कविता की महफ़िल आबाद करने वाले उत्तर प्रदेश हिंदी साहित्य सभा अंबेडकरनगर इकाई के अध्यक्ष तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु को हिंदुस्तान की प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्था हमारा प्यारा हिंदुस्तान ने वाणी भूषण से अलंकृत किया है ! जैसा कि जिज्ञासु शैक्षिक , सामाजिक , साहित्यिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के संचालन में सतत योगदान देते रहे हैं ! जिज्ञासु की कविताएं सामाजिक सरोकार का प्रतिबिंब हुआ करती हैं ! अपनी कविताओं व शेरो–शायरी के माध्यम से किसी भी मंच की खूबसूरती में चार चांद लगाने का हुनर रखते हैं जिज्ञासु ! अब तक जिज्ञासु के दर्जनों काव्य संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं जिनमें कई साझा काव्य संग्रह भी शामिल हैं ! मन का आँगन , एहसास दीप , गुलबहार , अपराजिता , दोहा सागर एवं कोहिनूर जैसे लोकप्रिय काव्य संग्रह हैं ! जिज्ञासु कई सामाजिक एवं साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित हो चुके हैं ! हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय कविता दिवस के मौके पर हमारा प्यारा हिंदुस्तान संस्था के संस्थापक वरिष्ठ साहित्यकार निर्दोष जैन लक्ष्य ने जिज्ञासु को ऑनलाइन सम्मान पत्र से अलंकृत किया ! जिज्ञासु के सम्मान पर शैक्षिक और साहित्य जगत में हर्ष का माहौल है ! लोगों ने सोशल मीडिया पर जिज्ञासु को बधाई व शुभकामनाएं प्रेषित किया !



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