क्या अब भी तुझे भरोसा नहीं है मेरी बातों पर – कवि तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु

 


अंबेडकरनगर ! विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर अम्बेडकर नगर साहित्य संगम के बैनर तले अखिल भारतीय आनलाइन कवि सम्मेलन का आयोजन युवा कवि संजय सवेरा के संयोजन व सुप्रसिद्ध साहित्यकार तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु के संचालन में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार उदय नारायण सिंह निर्झर ने किया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पंडित विद्या शंकर अवस्थी कानपुर रहे तथा विशिष्ट अतिथि द्वय डॉ बृजेंद्र नारायण शैलेश वाराणसी तथा श्री राम राय झारखंड रहे। कार्यक्रम सर्व प्रथम वीणा वादिनि की वंदना से शुरू हुआ ! इसके बाद कवियों ने अपनी–अपनी रचनाओं से समां बांधा। डॉ रंजीत वर्मा ने पढा जिंदगी सत्य है मौत सत्य है, बृजेंद्र नारायण शैलेश ने पढा ये हिंदी भाषा है। संचालन कर रहे तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु ने पढ़ा – तेरे बिखरे बालों की तरह मेरे सपने बिखर गए ! क्या अब भी तुझे भरोसा नहीं है मेरी बातों पर !! राजस्थान के कवि लोकेश भट्ट तथा दिल्ली के युवा कवि गुलशन कुमार ने अपनी रचनाओं से समां बांधा। महेंद्र पांडेय अलंकार वाराणसी एवं जमदाग्नि मुम्बई से अपनी रचनाओं को पढ़ा। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथियों ने भी अपनी रचनाओं से मुग्ध कर दिया। कार्यक्रम के अंत में अध्यक्षीय रचना पढ़ कर निर्झर जी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।