महान साहित्यकार आचार्य ज्योतीन्द्र प्रसाद झा 'पंकज' की पुण्य तिथि पर वृहद कार्यक्रम आयोजित, राष्ट्रीय स्तर के साहित्यकारों ने अपनी रचनाओं द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की

 

45वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित "अखिल भारतीय काव्य-गोष्ठी सह मुशायरा" में 1950 के दशक के महान साहित्यकार आचार्य ज्योतीन्द्र प्रसाद झा 'पंकज' के विराट व्यक्तित्व और अतुलनीय कृतित्व को जन-जन तक पहुँचाने का संकल्प दुहराया गया। 
दिल्ली 17 सितंबर, 2022 को हिन्दी और बांग्ला साहित्य के उद्भट विद्वान, स्वाधीनता सेनानी, 1950-70 के दशक के वैकल्पिक काव्यांदोलन "पंकज-गोष्ठी" के प्रणेता, अपराजेय और विराट व्यक्तित्व के विलक्षण कवि-कलाकार स्वर्गीय आचार्य ज्योतीन्द्र प्रसाद झा 'पंकज', साहित्यालंकार, की 45वीं पुण्यतिथि के अवसर पर "पंकज-गोष्ठी न्यास" के तत्वावधान में आयोजित "अखिल भारतीय काव्य गोष्ठी सह मुशायरा" के ऑनलाइन कार्यक्रम में देशभर के साहित्यकारों ने आचार्य पंकज को श्रद्धांजलि अर्पित की।

संध्या 5 बजे से रात के11 बजे तक, तीन सत्रों में आयोजित और लगातार 6 घंटे तक गूगलमीट पर संपन्न इस साहित्य-समागम में कलमकारों ने सहभागिता करते हुए गीत, ग़ज़ल, नज़्म तथा कविताएँ पढ़कर साहित्यालंकार आचार्य 'पंकज' को काव्यांजलि अर्पित की।

आचार्य 'पंकज' के सुपुत्र और न्यास के अध्यक्ष डॉ विश्वनाथ झा के संचालन में संपन्न कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता पटना के वयोवृद्ध विद्वान-साहित्यकार श्री ब्रज किशोर पाठक द्वारा की गयी तथा बीज वक्तव्य दुमका, झारखंड के वयोवृद्ध विद्वान-गीतकार डॉ रामवरण चौधरी ने दिया। इस सत्र में आचार्य 'पंकज' के वयोवृद्ध छात्र और दुमका के प्रख्यात गीतकार श्री शंभूनाथ मिस्त्री, मेरठ के मशहूर उस्ताद शायर डॉ कृष्ण कुमार 'बेदिल', कोटा राजस्थान के मशहूर ग़ज़ल गुरु तथा प्रख्यात रीतिकालीन कवि पद्माकर भट्ट के वंशज प्रख्यात ग़ज़लकार श्री शरद तैलंग, नोएडा से छोटी बहरों के आज के दौर के सबसे बड़े ग़ज़लकार श्री विज्ञान व्रत, लखनऊ के प्रख्यात उस्ताद शायर श्री कुँवर कुसुमेश, सुल्तानपुर के प्रख्यात जनवादी ग़ज़लकार डॉ डी एम मिश्र, मुरादाबाद के प्रख्यात उस्ताद शायर डॉ कृष्ण कुमार नाज़ तथा दुमका के दार्शनिक कवि श्री अरुण कुमार सिन्हा ने भी अपनी रचनाओं से आचार्य 'पंकज' को श्रद्धांजलि अर्पित की। 

कार्यक्रम के अन्य दूसरे सत्र की अध्यक्षता क्रमशः डॉ अचल भरती, आचार्य 'पंकज' के शिष्य एवं पूर्व-प्राचार्य, एल पी के कॉलेज, बाराहाट तथा श्री सुशील साहिल, अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त शायर-गीतकार, गोड्डा, ने की। इन सत्रों का संचालन क्रमशः पानीपत (हरियाणा) की चर्चित शायरा सुश्री सोनिया अक्स 'सोनम' एवं रुड़की (उत्तराखंड) के चर्चित ग़ज़लकार श्री पंकज त्यागी 'असीम' ने किया।

देशभर के10 प्रांतों और 26 शहरों के जिन प्रसिद्ध और विख्यात 47 कवियों-शायरों ने इस साहित्य-समागम में अपना काव्य-पाठ किया उनमें; नंदकुमार मिश्र (पटना, (बिहार), सुमित क़ासिद (दिल्ली), अंजुमन आरज़ू (छ़िंदवाड़ा, मध्यप्रदेश), सुरेन्द्र अश्क रामपुरी (रामपुर, उत्तर प्रदेश), ओंकार सिंह विवेक (रामपुर, उत्तर प्रदेश), डॉ बिनोद सिन्हा (नोएडा, उत्तर प्रदेश), डॉ हनीफ, ( दुमका, झारखंड), अमरेंद्र सुमन (दुमका, झारखंड), अनीता मिश्रा 'सिद्धि', (पटना, बिहार), राजवीर सिंह 'राज़', (रामपुर, उत्तर प्रदेश), मनोरमा श्रीवास्तव 'मनोरम', चंडीगढ़, डॉ पंकज कुमार सोनी (बस्ती, उत्तर प्रदेश), रेणु त्रिवेदी मिश्रा (राँची, झारखंड), राजेश कुमार शर्मा, (बरेली, उत्तर प्रदेश), डॉ कौशिक कुमार मिश्र (दिल्ली), सपना अहसास (दिल्ली),

अकबर शाद 'उदयपुरी' (उदयपुर, राजस्थान), भरतदीप माथुर (आगरा, उत्तर प्रदेश), शोभा किरण, (जमशेदपुर, झारखंड), नवीन चंद्र ठाकुर (दुमका, बिहार), रोहित अम्बष्ट (दुमका, झारखंड), ऋतुराज कश्यप (दुमका, झारखंड), अंजनी शरण (दुमका, झारखंड), सरफ़राज़ हुसैन फ़राज़ (मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश), उमाशंकर राव 'उरेन्दु' (देवघर, झारखंड), प्रवीण कुमार (ग़ाज़ियाबाद, उत्तर प्रदेश), प्रकाश सूना (मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश), कृष्ण कुमार दूबे जी, (कोलकाता, पश्चिम बंगाल), नवीन मणि त्रिपाठी (कानपुर, उत्तर प्रदेश), अनुराग मिश्र 'ग़ैर' (अमरैही, उत्तर प्रदेश), डॉ के पी सिंह 'विकल' (पंतनगर, उत्तराखंड), डॉ रश्मि झा (दिल्ली) प्रमुख थे।

कार्यक्रम के संयोजक और प्रख्यात इतिहासकार-ग़ज़लकार डॉ अमर पंकज ने धन्यवाद-ज्ञापन करते हुए पंकज-गोष्ठी न्यास द्वारा साहित्य-संस्कृति के क्षेत्र की जा रही सेवाओं के साथ-साथ भावी कार्यक्रमों की जानकारी दी तथा आचार्य ज्योतीन्द्र प्रसाद झा 'पंकज' के विराट व्यक्तित्व और अतुलनीय कृतित्व को जन-जन तक पहुँचाने का संकल्प दुहराया।