राष्ट्रीय ग़जलकार सम्मेलन में देश के 10 राज्यों के 26 शहरों के नामी गिरामी ग़जलकारों ने ग़ज़लों की महफ़िल सजाई, जमकर हुई हौसला अफजाई

 

 हापुड़/नई दिल्ली 2जुलाई, हापुड़ के पिलखुआ कस्बे में शिवालिक ग्रीन फार्म हाउस के सभागार में देशभर से आए 55 ग़जलकारों के राष्ट्रीय ग़जलकार सम्मेलन में प्रोफेसर आचार्य ज्योतीन्द्र प्रसाद झा 'पंकज' की 103वीं जयंती के अवसर पर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की और ग़ज़लों की इंद्रधनुषी छटा बिखेरते हुए लगातार 8 घंटों तक ग़ज़लपाठ किया।

सम्मेलन उद्घाटन सत्र की अध्यक्षयता मशहूर समाजवादी चिंतक प्रोफेसर राजकुमार जैन ने की और धौलाना विधायक श्री धर्मेश चौहान ने विशिष्ट अतिथि की भूमिका निभाई। सम्मेलन में पधारने वाले महानुभाओं में दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ अजीत झा, डॉ वीरेंद्र कुमार तोमर , प्रोफेसर योगेश कुमार शर्मा के अतिरिक्त आचार्य पंकज की सुपुत्रीश्रीमती वीणापाणि झा, प्रपोत्री श्रीमती कुमकुम मिश्र, नतीनी श्रीमती अनीता झा, पुत्रबधू श्रीमती पूनम झा, श्रीमती मीनाक्षी झा, श्री नीरद वरण झा, श्री प्रणव झा भी शामिल थे। इस सत्र के कार्यक्रम का संचालन प्रख्यात भाषावैज्ञानिक और पंकज-गोष्ठी न्यास के अध्यक्ष डॉ विश्वनाथ झा ने किया। 

उद्घाटन सत्र में आचार्य ज्योतीन्द्र प्रसाद झा 'पंकज' को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए प्रोफेसर राजकुमार जैन ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला एवं 1950 के दशक के एक बड़े कवि के रूप में निभाई गई उनकी भूमिका के ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित किया। इस अवसर पर विधायक श्री धर्मेश तोमर ने देशभर से आए दिग्गज ग़जलकारों का स्वागत करते हुए कहा कि पंकज-गोष्ठी न्यास द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम से आचार्य पंकज जैसी महान विभूति के साथ-साथ महान ग़जलकारों से भी पिलाखुआ के निवासियों को परिचित होने का मौका मिला जिसके लिय वे आभारी हैं और कामना करते हैं कि इस सम्मेलन की अनुगूँज दूर-दूर तक सुनायी पड़े। 

सम्मेलन के दूसरे सत्र में ग़ज़ल पाठ का कार्यक्रम चला जिसकी अध्यक्षता मशहूर अरुजी डॉ कृष्णकुमार बेदिल ने की। मुख्य अतिथि के रूप मे श्री विज्ञान व्रत ने अपनी ग़ज़लों का पाठ करते हुए इस सम्मेलन को ग़जलकर्रों का ऐतिहासिक सम्मेलन बताया और कहा कि इसकी गूंज दूर-दूर तक सुनाई पड़ेगी। ग़ज़लपाठ सत्र का संचालन प्रख्यात आरूजी शायर डॉ कृष्ण कुमार नाज़ ने किया।


 ज्ञातव्य है कि उत्तर प्रदेश के पिलाखुआ में "पंकज-गोष्ठी न्यास" ने ग़ज़लों की महफ़िल शृंखला के तहत देश भर से आए जिन अन्य प्रख्यात ग़जलकारों को अपनी ग़ज़लों से सबका दिल जीता उनमें, डॉ कृष्ण कुमार 'बेदिल', मेरठ, श्री विज्ञान व्रत, नोएडा, श्री ओम प्रकाश 'नदीम', लखनऊ, श्री गोविन्द गुलशन, ग़ाज़ियाबाडी, श्री मासूम ग़ज़ियाबादी, ग़ाज़ियाबाद, श्री ओमप्रकाश 'नूर', रुड़की, श्री ओमप्रकाश यती, ग्रेटर नोएडा, श्री सुरेन्द्र सिंघल, नोएडा, डॉ कृष्ण कुमार नाज़, मुरादाबाद, श्री प्रमोद कुमार कुश 'तनहा', मुंबई, श्री शिवकुमार बिलगरामी, ग़ाज़ियाबाद, श्री सुशील 'साहिल', गोड्डा, श्री अशोक श्रीवास्तव, प्रयागराज, श्री हर्षवर्धन आर्य, दिल्ली, श्री मित्र ग़ाज़ियाबादी, ग़ाज़ियाबाद, श्री चेतन आनंद, ग़ाज़ियाबाद, श्री सैयद नज़्म इकबाल 'नज़्म', दिल्ली, श्री विजय स्वर्णकार, दिल्ली, सुश्री माधुरी स्वर्णकार, दिल्ली, सुश्री सीमा सिकंदर, ग़ाज़ियाबाद, डॉ सीमा विजयवर्गीय, अलवर, डॉ सरोजिनी 'तनहा', मेरठ, सुश्री ममता लड़ीवाल, ग़ाज़ियाबाद, सुश्री सपना अहसास, दिल्ली, डॉ यासमीन मूमल, मेरठ, डॉ दिव्या जैन, दिल्ली, सुश्री सोनिया सोनम 'अक्स', पानीपत, सुश्री तूलिका सेठ, ग़ाज़ियाबाद, सुश्री सय्यदा तबस्सुम नाडकर, मुंबई, सुश्री तलत सरोहा, सहारनपुर, सुश्री संगीता शर्मा कुंद्रा, चंडीगढ़, सुश्री मनोरमा श्रीवास्तव 'मनोरम', चंडीगढ़, डॉ के पी सिंह 'विकल', पंतनगर (उधमसिंहनगर), श्री सुरेन्द्र अश्क रामपुरी, रामपुर, श्री भरतदीप माथुर, आगरा, श्री अनुराग मिश्र 'ग़ैर', अमरोहा, श्री दीपक अत्री 'मासूम', कुरुक्षेत्र, श्री अनिल शर्मा 'चिंतक, चंडीगढ़, श्री क़ासिम बीकानेरी, बीकानेर, श्री बृजमोहन श्रीवास्तव 'साथी, ग्वालियर, श्री पंकज त्यागी 'असीम', रुड़की, श्री संजय कुमार गिरि, ग़ाज़ियाबाद, श्री जगदीश मीणा, ग़ाज़ियाबाद, श्री इन्द्रजीत सुकुमार, गाज़ियाबाद, डॉ रामगोपाल भारतीय, रुड़की, श्रीमती विनय गोयल, पिलाखुआ, श्री अशोक गोयल, पिलाखुआ, डॉ वीरेन्द्र कुमार शेखर, ग़ाज़ियाबाद और डॉ अमर पंकज, दिल्ली प्रमुख थे।

इस अवसर पर न्यास की ओर से समाज से विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट उपलब्धियां हासिल करने वाले 6 महानुभावों को "आचार्य पंकज स्मृति सम्मान --2022" से सम्मानित भी किया गया जिनमें श्री अजय कुमार ठाकुर, प्रख्यात अधिवक्ता, दिल्ली उच्च न्यायालय एवंं उच्चतम न्यायालय, नयी दिल्ली, ओम प्रकाश प्रजापति, वरिष्ठ पत्रकार, ट्रू मीडिया, डॉ नीरज कुमार मिश्र, चर्चित युवा आलोचक एवं समीक्षक, डॉ अनिमा झा, सुप्रसिद्ध गायिका, श्री रुणित आर्य, सुप्रसिद्ध गायक एवं श्रीदयानंद परिहस्त, सुप्रसिद्ध गायक प्रमुख हैं।

कार्यक्रम के समापन के अवसर पर धन्यवाद धन्यवाद ज्ञापन करते हुए डॉ अमर पंकज ने कहा कि सम्मेलन में पढ़ीं गईं ग़ज़लों का साझा संकलन भी शीघ्र ही प्रकाशित किया जाएगा जो हिंदी ग़ज़लों के प्रचार-प्रसार की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।



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