होली का त्यौहार मनाओ कुछ इस तरह यारों !
तुम्हारी खुशियों में हमारी खुशियाँ शिरकत करें !!
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ईर्ष्या द्वेष मिटाकर भाईचारे का माहौल बनाओ !
होली के त्यौहार का यही पैग़ाम देते रहे हैं हम !!
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मन के सारे मैल मिटा कर आओ हम तुम गले मिल जाएं !
गुलाबजामुन और गुझिया की मिठास में होली का यही पैग़ाम है !!
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सिर्फ़ और सिर्फ़ तुम्हारा आचार विचार याद करेगी दुनिया !
होली के पावन त्यौहार में धन दौलत की हवस छोड़ दो तुम !!
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केवल आवरण की साज-सज्जा से कुछ नहीं होता प्यारे !
तन मन पुलकित है तुम्हारा तो समझो सफल है होली !!
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कुछ सबक मुझसे भी ले लिया करो ज़िंदगी में तुम !
हर होली में कुछ अपरिचित मुझ से परिचित होते हैं !!
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इंसानियत का परचम लहराते रहो सदा तन मन से तुम !
होली का त्यौहार तुम्हारे जीवन में खुशियों का रंग भर देगा !!
**************** तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु कवि व मंच संचालक अंबेडकरनगर उत्तर प्रदेश संपर्क सूत्र – 9450489518