सृष्टि का आधार है नारी – संचालक तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु

 

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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आकृति संस्कार भारती मंच द्वारा अखिल भारतीय ऑनलाइन कवयित्री सम्मेलन आयोजित किया गया ! वरिष्ठ कवि कमलेश मौर्य मृदु सीतापुर की अध्यक्षता व चर्चित कवि तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु के संचालन में आयोजित कवयित्री सम्मेलन के मुख्य अतिथि महामंत्री माध्यमिक शिक्षक संघ अंबेडकर नगर उदय राज मिश्र रहे ! कानपुर की कवयित्री सुषमा सिंह उर्मि द्वारा वाणी वंदना के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ ! साक्षी दिल्ली ने पढ़ा – घर की लक्ष्मी घर की शोभा घर की खुशियां है नारी ! बड़े प्यार से निभाती अपनी जिम्मेदारी !कोमल है परंतु कमजोर नहीं , जो न कभी हारी वह है नारी !! अन्नपूर्णा मालवीय प्रयागराज ने पढ़ा - अस्त्र शस्त्रों से भूषित लदी हो अरे ! पर तेरा सामना कौन कर पाएगा !! प्रवक्ता कवि उदय राज मिश्र ने पढ़ा जिसने तेरा अपमान किया ! उसका तूने बलिदान लिया ! पापी को ऐसे मरवाया ! जीते जी आह न भर पाया !! डॉक्टर अन्नपूर्णा श्रीवास्तव ने पढ़ा – मैं शब्द हूं मैं गीत हूं मैं भाव हूं संवेदना ! आहट हृदय का दर्द हूं मैं या सृजन की चेतना !! संचालक तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु ने पढ़ा – हमारी आंख से अश्क बहता रहा ! अपना दर्द दुनिया से कहता रहा ! दुनिया तो बेदर्द व ज़ालिम ठहरी ! मैं तन्हा ही अपना दर्द सहता रहा !! सुषमा सिंह उर्मि कानपुर ने पढ़ा – हार नहीं मानूंगी रार नहीं मानूंगी ! जीवन के पथ में कभी हार नहीं मानूंगी ! अटल हिमालय से होकर , नदियों सी झर झर बहकर त्रास जगत के सारे सहकर ! हार नहीं मानूंगी रार नहीं मानूंगी !! अन्य काव्य पाठ प्रस्तुत करने वालों में अनुराधा अनु जबलपुर , कामिनी श्रीवास्तव लखनऊ , डॉ राजश्री तिरुवीर कर्नाटक , मोहिनीराज अंबेडकरनगर , सीमा त्रिपाठी लखनऊ , आरती झा अनु , अनीता त्रिपाठी कानपुर , रश्मि श्रीवास्तव सुकून , आरती दीक्षित नोएडा रहीं ! पटेल के संरक्षक मुकेश तिवारी द्वारा अतिथियों व कवयित्रीयों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम का समापन हुआ !