गज़ब किरदार है तुम्हारे आइने का भी – कवि तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु

 


आइने की तरह क्यों नहीं रखते किरदार अपना !

कहो कुछ करो कुछ बात अच्छी नहीं ज़माने में !!

******************

बहुत खूबसूरत चेहरा है तुम्हारा यह मालूम नहीं तुमको !

काश कभी मेरे आइने में भी अपनी तस्वीर देखो तुम !!

******************

आइना भी अपनी खुश क़िस्मत पर खुद दाद देता होगा !

सज संवर आइने में जब तुम अपना दीदार करती होगी !!

******************

आइने पर इस क़दर ग़ुस्सा क्यों कर रहे हो जनाब !

आइना तो आपको आप का असली चेहरा ही दिखाएगा !!

******************

भला अब तुम्हें तुम्हारी बुराई कौन बताएगा !

आइने से दोस्ती रखो शायद बात बन जाए !!

******************

कुछ दिनों बाद एक भला इंसान दिखेगा तुमको उसमें !

अपने साथ एक आइना जो रखने लगा है शख़्स वो !!

******************

गज़ब किरदार है तुम्हारे आइने का भी !

भला आदमी भी तुमको बुरा दिखता है !!

***********तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु कवि व मंच संचालक अंबेडकरनगर उत्तर प्रदेश ! संपर्क सूत्र – 9450489518