नए साल का जश्न दुनिया मनाने को तैयार है लेकिन – कवि तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु
ऐ नए साल तुझसे एक बड़ी गुज़ारिश है मेरी !कोरोना महामारी का दुनिया से अंत कर देना !!******************साल दो हजार बाइस सुन लो बड़ी उम्मीदें है तुमसे !वादा करो मेरी उम्मीदों पर सौ प्रतिशत खरे उतरोगे !!******************नए साल का जश्न दुनिया मनाने को तैयार है लेकिन !सेहत का मामला है ओमीक्रोन से हर इंसान को बचना है !!******************चाहते हो नए साल में तुम्हारी खुशियों का अंत ना हो !मेरी मानो प्रकृति का श्रृंगार करना सीख लो तुम !!******************दिल से कहूँ तो दो हजार इक्कीस ने बहुत कुछ दिया मुझको !हाँ मगर दो हजार बाइस से उम्मीदें कुछ अनूठी हैं !!******************जाते जाते गुज़रे साल के कुछ पन्ने पलट लेना जिज्ञासु !क्या पता पुराना साल नए साल को जीने का तरीक़ा दे !!******************हर इंसान की कुछ ख्वाहिशें अधूरी रह गई गुज़रे साल में !दो हजार बाइस इसे पूरा करेगा भरोसा है हम सबको !!*************तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु कवि व मंच संचालक अंबेडकरनगर उत्तर प्रदेश ! सम्पर्क सूत्र – 9450489518
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