दिवाली में तेरे मन की सारी मुरादें पूरी हो गई !
काश मैं भी तुम्हारी खुशियों में शामिल होता !!
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दिवाली में अगर लोगों के दिलों का मैल हट जाता !
सच कहता हूं दुनिया की आधी समस्या ख़त्म हो जाती !!
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यूं तो दिवाली में सारा शहर रोशन है !
दिल भी रोशन होते तो क्या बात होती !!
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बहुत देर से दस्तक दे रहा हूं तेरे दिल पर !
मगर दिल का दरवाजा अभी तक खुला नहीं !!
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केवल रस्मी तौर पर त्योहार मनाना ठीक नहीं !
कोशिश करो त्योहार का मक़सद भी पूरा हो !!
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हमारे मां बाप से हमेशा नसीहत मिली हमको !
नतीजा है कि हर त्योहार खुशी देता है हमको !!
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मेरी कोशिश है लोगों को मुश्किलों से बचाने की !
मगर लोग हैं कि मुझसे भी दूरी बनाए बैठे हैं !!
***********तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु कवि व मंच संचालक अंबेडकरनगर उत्तर प्रदेश !