सुकून की तलाश में अध्यात्म की शरण क्यों नहीं लेते : कवि तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु


 सुकून की तलाश में अध्यात्म की शरण क्यों नहीं लेते !

सोचो माया मोह की दुनिया से क्या हासिल हुआ तुमको !!

******************

मोह के वश में सिर्फ़ नुक़सान ही होगा तय समझो !

गुरु की शरण में जाकर अपना मोह दूर करो तुम !!

******************

संत महात्मा सदा ही संदेश देते हैं माया मोह से दूर रहने को !

मगर आम आदमी क्या संत महात्मा भी इससे अछूते नहीं !!

******************

माया मोह की दुनिया में सुख की तलाश करते हैं सभी !

सच तो यह है कि माया मोह की दुनिया में दुख ही दुख है !!

******************

गृहस्थ तो गृहस्थ संत भी दुखी हैं आजकल !

माया मोह की व्याख्या समझ में आए कैसे !!

******************

माया मोह का त्याग कर जीवन सुखी कर लो तुम !

माया मोह के चक्कर में बरबाद होना तय समझो !!

******************

हमें तुम्हारी भौतिकवाद की दुनिया पसंद नही !

हमें तो जंगल में संतों के साथ कुटिया प्यारी है !!

**********तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु कवि व मंच संचालक अंबेडकरनगर उत्तर प्रदेश !