रिश्तों की डोर का मतलब कौन समझाए किसको !
कोरोना की आफ़त में सवालिया निशान हैं इस पर !!
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यूं तो रिश्तों की डोर का ज़िक्र बड़े शौक से करता था !
कोरोना के परिदृश्य ने रिश्तों की परिभाषाएं बदल डाली !!
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रिश्तों की डोर ज़िंदगी की अमूल्य धरोहर हुआ करती थी !
कोरोना वायरस ने इस धरोहर को कलंकित कर दिया !!
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महापुरुषों की वाणी सच दिख रही है इन दिनों !
रिश्ते नातों पर बड़ा गुमान था तुमको अब तक !!
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कोरोना का ख़ौफ़ तुम्हारे मन मस्तिष्क से कब जाएगा !
ज़िंदगी जीने के लिए ख़ौफ़ से दूर होना पड़ेगा तुमको !!
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रिश्तों की डोर पर बड़ी - बड़ी कविताएं पढ़ी होंगी तुमने !
कोरोना महामारी ने भी बहुत कुछ बताया दुनिया को !!
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रिश्तों की डोर का एहतराम तो हम करते रहेंगे मगर !
स्वार्थी दुनिया में कोरोना के मंज़र से पीड़ित हैं लोग !!
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आओ तुम्हें हम नई दुनिया का क़िस्सा बताएं !
रिश्तों की डोर का सच कोरोना पीड़ित से पूछो !!
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भला मैं तुमसे कैसे कहूं कि यह दुनिया अच्छी है !
कोरोना वायरस के साथ दुनिया बहुत ख़राब है !!
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हम तुम्हें महफ़िल का भी लुत्फ़ लेना सिखा देंगे !
मगर कोई तरकीब निकालो कोरोना से मुक्ति का !!
******************तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु कवि व मंच संचालक अंबेडकर नगर उत्तर प्रदेश !