साहित्य वसुधा प्रकाशन भागलपुर बिहार की डिजिटल प्रस्तुति - तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु की नई पुस्तक - ' जज़्बात जिज्ञासु के '

जिज्ञासु के शेर मेरी दृष्टि में

मैंने कवि तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु की प्रकाशित होने वाली तीसरी कृति ' जज़्बात जिज्ञासु के ' देखा ! यह कृति शेरों की एक विराट महफ़िल है ! शायर ने अपने विभिन्न रचनात्मक संदर्भों को विविधताओं में विभक्त किया है ! उनके शेरों का एक गुलदस्ता नए वर्ष में साहित्य जगत को दी जाने वाली एक रचनात्मक भेंट है ! शायर सतत साहित्यिक - संरचना में संलग्न है ! गहनता का एक शेर एक किताब की अहमियत को खूबसूरती से व्यक्त करने की ताकत रखता है ! यदि वह किसी शायर की आत्मस्थ चेतना से युगीय संदर्भों को एक तटस्थता देकर व्यक्त हुआ तो वह साहित्य जगत में मील का पत्थर साबित हो सकता है ! प्रसिद्ध शायर बशीर बद्र की मात्र दो पंक्तियां देश की जुबान पर हैं ! उजाले अपनी यादों के हमारे पास रहने दो ! न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए !! इसी तरह शंभू नाथ सिंह की ये दो पंक्तियां भी हिंदी साहित्य में चर्चित है - समय की शिला पर मधुर चित्र कितने , किसी ने बनाए किसी ने मिटाए ! उसने कहा था मात्र एक कहानी से गुलेरी प्रसिद्ध हो गए ! इसी तरह ग्लूमी संडे अर्थात नैराश्य रविवार नामक एक छोटी प्रेम की कविता से ' 'सैरोस ' नामक विदेशी रचनाकार प्रसिद्ध हो गया ! बिहारी के हर दोहे अशर्फियों से तौले गए ! हर खूबसूरत रचना किसी हीरोइन की खूबसूरत अदाओं की तरह होती है ! पसंद आ गई तो पूरा साहित्य जगत झंकृत हो जाता है ! हर खूबसूरत रचना किसी मधुमास की खुशबू से लिखी चिट्ठी के समान है ! हर खूबसूरत रचना किसी अप्सरा की आँख है ! हर खूबसूरत रचना मन के सरोवर में किसी जलजात की गवाही है ! एक अच्छा शेर हमें सोनजुही के किसी फूल की तरह खींच सकता है ! एक अच्छी रचना कवि के हृदय से निकलने वाली कस्तूरी है ! एक अच्छी रचना एक वैश्विक अनुबंध से युक्त होती है ! किसी कुरान की आयत अथवा किसी वेद की एक ऋचा सर्वे भवंतु सुखिन: की तरह विश्व चर्चित हो सकती है ! आत्मा अनंत की तरह अनुभूतियों की विराटता से युक्त है ! आत्मा का हर अच्छा अनुवाद एक किताब है ! किसी शायर और कवि की हैसियत उसके द्वारा लिखी रचनाओं से व्यक्त होती है ! उसकी रचना धर्मिता उसके वास्तविक स्वरूप की गवाही है ! रचना में वह एक तरह से अपने व्यक्तित्व का अनुवाद करता है !       

                 जहाँ तक शेरों का सवाल है ये शेर जंगल के किसी शेर सा ही दम रखते हैं ! जंगल का शेर केवल अप संस्कृतियों की सूचना देता है ! उसके शौर्य को हम डर कर सलाम करते हैं ! लेकिन जो काव्य जगत के शेर हैं वे अन्याय के विरोध में लड़ते हैं ! उन्हें किसी नव यौवना की तरह बाहों में भरने का मन कहता है ! यह शेर प्रेम परक , देश परक एवं वैश्विक संदर्भ को संदर्भित करने वाले हो सकते हैं ! प्रेम पर लिखे गए शेर , ज़िंदगी पर लिखे गए शेर वैश्विक हो सकते हैं ! लेकिन जो शेर देश एवं समाज परक होते हैं वे उस देश की सामाजिक एवं सांस्कृतिक स्थिति की सूचना देते हैं ! किसी अन्य देश से उसका बहुत सरोकार नहीं होता ! इन विविध संदर्भों को ध्यान में रखते हुए जिज्ञासु के शेर को देखने की ज़रूरत है ! जिज्ञासु ने इस रचना में विभिन्न संदर्भों को छूने वाले शेरों को सजाने की कोशिश की है ! उनके मन के विराटता की पता विविध तरह के शेरों के आकलन से होती है ! पेशे से शिक्षक सम्माननीय जिज्ञासु जी दूर दृष्टि के धनी हैं ! उन्होंने ज़िंदगी को हर कोण से देखने की कोशिश की है ! बचपन की अहमियत जवानी में कैसे महसूस होती है जिज्ञासु के इस शेर के माध्यम से देखिए - सुहानी चादर बचपन की दिखती है अतीत के झरोखों से जब ! एहसास बचपन का खोजता हूं बेसब्री से जवानी में !! शायर मेहनतकश मनोदशा का समर्थक है वह तकदीर की जंजीर में अपने को जकड़ कर कर्म - वंचित नहीं होना चाहता उसे मालूम है कि अपने पसीने से ही गुलाब की फसलें खिल सकती हैं ! यह शेर हर हारे हुए मन को एक प्रेरणा देता है - हासिल हुई कामयाबी मुझको तदबीर के सहारे ! 

तकदीर की आड़ में उदास नहीं किया खुद को कभी !! इस तरह की पंक्तियां ही किन्ही कर में वीरों की फौज खड़ी कर सकती हैं ! यह अलसाई हुई किसी मन की दशा को जागरूक करने वाला या जगाने वाला शेर है ! सामाजिक प्रेरणाओं से भरे शेर , आत्मा को ऊंचाई देने वाले शेर , वैश्विक मानवता को शक्ति संप्रेषित करने वाले शेर शायर के कद की ऊंचाई की सूचना देते हैं ! जैसे एक बाप अपने सोए हुए बेटे को जगाता है उसी तरह एक अच्छा शायर पूरे समाज को जगाता है ! ऋषि , मुनियों तथा कवियों शायरों ने हमेशा यही जगाने का कार्य किया है ! इस नाते हम उन्हें धन्यवाद ज्ञापित करते हैं ! इसी प्रकार उन धन पशुओं को भी आगाह करने की कोशिश करता है कि किसी शख़्सियत से हैसियत को बड़ा मानने की बात करते हैं ! उन्हें आगाह करने वाला यह शेर देखिए - 

ढूंढता हूं इंसानी शख़्सियत को बेसब्री से आज !

धन की बुनियाद पर आदमी का जमीर मैला है !!

दहेज एक सामाजिक विद्रूपता है जिसको इंगित करने वाला यह शेर भी गौर करने योग्य है - सयानी बिटिया के मुखड़े पर मायूसी के आसार हैं ! आज फिर टूटी है सगाई दहेज की बुनियाद पर !! टूटती हुई इंसानियत , मरती हुई मानवीय संवेदनाएं और उसके बीच अंधी भौतिकता की प्यास में दौड़ता हुआ किस तरह मानवीय स्तर गिराता नज़र आ रहा ! इन खयालों से संबंधित यह रचना भी मानवीय संवेदना की पुनर्वापसी का आह्वान करती है ! मर चुकी हैं संवेदनाएं प्रगति की अंधी दौड़ में ! बहाल करो इंसानियत के रिश्ते सदी की यही पुकार है !!

          इस प्रकार सब कुछ मिलाकर देखने पर पता चलता है कि शायर जिज्ञासु बहुआयामी दृष्टिकोण रखते हैं ! वह जीवन के बहुआयामी उन तमाम बिंदुओं को रेखांकित करने की कोशिश करते हैं जिनकी मानव की विकास यात्रा में आवश्यकता है तथा जिनसे मानवता को सुरक्षित रख कर के एक सुव्यवस्थित देश एवं समाज की स्थापना की जा सकती है ! सच्चा कवि कर्म यही है ! कवि सोए हुए समाज को जगाए ! वह विश्व मानवता को सुरक्षित रखने के लिए एक वैश्विक सोच रखे ! वह जिए भी और दूसरों के जीवन की हिफ़ाज़त करे ! एक मरा हुआ समाज एक सशक्त देश की रीढ़ नहीं बन सकता ! एक टूटा हुआ परिवार राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिए भी बाधक है ! जो एक परिवार को अपनी संवेदना नहीं दे सकता उससे कोई राष्ट्र किसी तरह की कोई उम्मीद न करे ! राष्ट्र की सुरक्षा करने वाले सुरक्षाकर्मियों के बदौलत हम यहाँ चैन की नींद सोते हैं ! वे हमारे राष्ट्र की सरहद के रक्षक हैं ! शायर गांव की होली दिवाली की स्मृतियों को ख़्याल में रखते हुए जब उन जवानों पर सोचता है तब उसे कुछ इस प्रकार कहना पड़ता है - सरहद की जिम्मेदारियां कभी मुकरने नहीं देती ! वरना हमें भी अपने गांव की होली दिवाली याद आती है !! साथ ही साथ प्रेम एवं मोहब्बत पर लिखा यह शेर भी काफी अच्छा बन पड़ा है - 

जिसे देखो मोहब्बत की कहानी गुनगुनाता है !

मोहब्बत के लिए दिल से दुआएं कौन करता है !!

        शायर तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु साहित्य के ऊंचे आयामों तक धीरे-धीरे पहुंचेंगे ! साहित्य के प्रति उनका अनुराग , उनकी अनवरत साधना इस बात की गवाह है ! भगवान से मेरी प्रार्थना है कि उन्हें एक उत्तम साहित्यिक कीर्ति दें तथा उनके हाथों से मां भारती के अक्षय साहित्य कोश को और समृद्ध बनाने का शुभ अवसर प्रदान करें ! कवि के प्रति मेरी शुभकामनाएं प्रेषित हैं ! शुभकामनाओं के साथ ! 

                राजेंद्र त्रिपाठी राहगीर

             अतरौलिया , आजमगढ़ 

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