फर्जी फाइनेंस कम्पनी खोलकर करोड़ों की ठगी करने वाले गिरफ्त में, बस्ती पुलिस ने लोगो का भरोसा जीता

 

बस्ती।कहते है कि अपराध कितने भी बारीकी से किया जाय लेकिन उसकी उम्र लम्बी नही हो सकती है ऐसा ही मामले का अनावरण बस्ती पुलिस ने करके स्थानीय निवासियों का भरोसा जीत लिया है। 

साल 2011 में कम्पनी खोलकर निवेशकों से जमाराशि लेकर फरार हुई कम्पनी के डायरेक्टर समेत दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। लोगों का लुभावनी स्कीम देकर करोड़ों रुपये जमा कराने के बाद फरार हुए पश्चिम बंगाल के दो शातिर ठगों को पुलिस ने आखिरकार दबोच लिया है। इसमें उस कंपनी का डायरेक्टर भी शामिल है।

2015 से फरार चल रहे दोनों शातिरों पर एसपी स्तर से 25-25 हजार रुपये का इनाम रखा गया था। धरपकड़ का खुलासा करते हुए एसपी हेमराज मीणा ने बताया कि अंतरर्राज्यीय ठग तनमय मित्रा निवासी 0147 गन्ती लस्कर पारा थाना जीवन तला जनपद दक्षिण 24 परगना पश्चिम बंगाल को कोलकाता से गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर बस्ती लाया गया। जबकि तनमय मित्रा के ही मोहल्ले में रहने वाला विकास हवलदार को बस्ती शहर में कचहरी चौराहे के पास से गिरफ्तार किया गया। वह 2016 में कोतवाली में दर्ज हुए मुकदमे की पैरवी करने बस्ती आया था। उन्होंने बताया कि इस मुकदमे में तीसरी महिला आरोपी को पहले ही पुलिस कोलकाता से गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर चुकी है।

अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। एसपी के अनुसार पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि 2009 में सिंगूर कोलकाता में स्थित प्रोग्रेस प्रोड्यूसर ग्रुप, प्रोगेस कल्टीवेशल लिमिटेड कंपनी हम लोगों ने शुरू की थी। तब से लेकर 2015 के बीच फूड प्रोसेसिंग व कृषि उत्पादन कंपनी की बस्ती, अंबेडकरनगर, बड़हलगंज, गोरखपुर आदि जिलों में शाखाएं स्थापित कराई गई। बस्ती के मुरलीजोत में भी शाखा खोली थी। फाइनेंस कंपनी की तरह इस कंपनी से तमाम योजनाएं लांच करके उसमें कमीशन एजेंट और अधिकारी नियुक्त किए गए। कमीशन पर लोगों से निवेश कराने के लिए लुभावनी स्कीम भी दी गई।

2015 तक करीब 16 करोड़ रुपये जमा कराने के बाद एक दिन अचानक कंपनी के कर्मचारी व निदेशक ताला लगाकर भाग गए थे। प्रकरण में कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ था। कोतवाल के साथ ही क्राइम ब्रांच को ठगों की धरपकड़ के लिए लगाया गया था। एसपी हेमराज मीणा ने बताया कि आरोपितों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई कर संपत्ति जब्त कर सेबी के नियमानुसार भरपाई कराई जाएगी। विकास हवलदार (डायरेक्टर), तनमय मित्रा व रुमकी हवलदार (एकाउंटेंट) ने अन्य सह अभियुक्तगणों के साथ मिलकर आम जनता से धोखाधड़ी कर करोड़ों रुपये जमा कराए थे। इससे कोलकाता व अम्बेडकरनगर में करीब सौ करोड़ रुपये की सम्पत्ति खरीदने की बात सामने आई है।