शादी के जश्न की कौन सी तस्वीर दिखाएं तुमको -- कवि तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु

दहेज की बीमारी खत्म करने की सोचिए तो सही ! 


दहेज का दानव निगल गया कितनी कन्याओं के सपनों को !! 


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दहेज का शौक बढ़ता ही जा रहा है इन दिनों समाज में ! 


लड़का वाला क्यों भूल जाता है कि मैं लड़की का भी पिता हूं !! 


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यूं तो दहेज की मांग करना अच्छा नहीं लगता लड़की वालों को ! 


मगर करें क्या बेटी के मांग का सिंदूर भी कई सवाल पूछता है !! 


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दहेज का पैसा पाकर पानी की तरह लुटाते हैं लड़के वाले !


अजीब शौक है इनकी महंगाई का कोई मुद्दा उठे तो उठे कैसे !! 


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दहेज का रोना तो रोते हैं कर्ज़ में डूबने के बाद ! 


शादियां ऐसी करो जो कर्ज़ आज कम हो जाए 


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शादी की तमाम रस्में खुशियों का इज़हार कर रही थी !


मगर बाप के सिर पर दहेज रूपी दानव सवार था !! 


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शादी के जश्न की कौन सी तस्वीर दिखाएं तुमको ! 


हमें शादी के बाद की जिम्मेदारियां निभानी थी !! 


**************तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु कवि व मंच संचालक अंबेडकरनगर उत्तर प्रदेश !