क्या पता हमारा नुसख़ा तुम्हारी ज़िंदगी बदल दे -- कवि तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु

थोड़ा सब्र करते कुछ अच्छा समय भी मिल जाता ! 


समय के साथ हर समस्या अपना हल ढूंढ लेती है !! 


*************************


तुम्हारे शहर का हर शख़्स समय का पाबंद है ! 


समय के साथ खुद को बदल लेना बुद्धिमानी है !! 


*************************


आज मिलने जुलने का समय नहीं है लोगों के पास ! 


कारण यही है ऐसे लोगों के पास तनाव ज़्यादा है !! 


*************************


समय की पुकार है तुम अपने आप को तैयार रखो ! 


वक्त के नाज़ुक हालात में तुम्हें पल-पल संभलना होगा !! 


*************************


हम हमेशा मुकद्दर संवारने की बात करते हैं ! 


मगर समय के साथ कोई समझौता नहीं करते !! 


*************************


तुम्हारा समय बहुत क़ीमती है तुम अक्सर कहते हो ! 


बात सच कहूं तो दुनिया में सबका समय अनमोल है !! 


*************************


तुम चाहो तो समय निकाल कर मुझसे मिलो ! 


क्या पता हमारा नुसख़ा तुम्हारी ज़िंदगी बदल दे !! 


*************************


हमें ज़िंदगी का हर क़िस्सा पसंद है सुनने में ! 


मगर क़िस्सा सुनाने वाले समय के मोहताज हैं !! 


****************तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु कवि व मंच संचालक अंबेडकरनगर उत्तर प्रदेश !