शास्त्री चौक से कम्पनी बाग तक कैन्डिल मार्च निकालकर हाथरस के दलित बेटी के दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग

 



बस्ती । हाथरस में दलित बेटी के साथ गैंग रेप, मौत और उसके बाद उसकी लाश के साथ हाथरस पुलिस की मनमानी के विरोध में आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। बुधवार को समाजवादी पार्टी महिला सभा जिलाध्यक्ष एवं महिला आयोग की पूर्व सदस्य सुमन सिंह ने हाथरस काण्ड पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा कि जब से प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी है बेटियों, महिलाओं पर आये दिन जुल्म, अत्याचार हो रहा है, पुलिस और प्रशासन दोषियों को गिरफ्तार कर कार्रवाई करने की जगह महिलाओं को उत्पीड़ित करते हैं। हाथरस की बेटी को यदि पुलिस ने त्वरित न्याय दिलाकर समुचित इलाज की व्यवस्था करायी होती तो आज वह जिन्दा होती। कहा कि महिलाओं पर हो रहे जुल्म को नियंत्रित करने में योगी सरकार पूरी तरह से विफल है। उन्हें अपने मुख्यमंत्री पद से नैतिकता के आधार पर त्यागपत्र दे देना चाहिये।


मांग किया कि हाथरस में दलित बेटी के दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई के साथ ही गरीब परिवार को सुरक्षा और 50 लाख रूपये का मुआवजा दिलाया जाय। साथ ही उन जिम्मेदार पुलिस कर्मियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई हो जिन्होने मामले को दबाने की कोशिश किया और दलित बेटी के शव को जबरिया ढाई बजे रात में परिजनों की अनुपस्थिति में पेट्रोल डालकर जला दिया गया। यह हिन्दू परम्परा और शव के साथ किया गया जघन्य अपराध है।


इसके पूर्व मंगलवार की रात्रि में शास्त्री चौक से कम्पनी बाग तक कैन्डिल मार्च निकालकर हाथरस के दलित बेटी के दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग किया गया। कैन्डिल मार्च में मुख्य रूप से बदामा पाण्डेय, गीता श्रीवास्तव, कौशिल्या गौड़, धनपत्ता, माला, दुर्गावती, निर्मला, सुनीता, लालिमा, रीना, मीरा देवी आदि शामिल रही।