मगर कैसे कहूं तुम्हारी सादगी ने आज मेरे वसूल तोड़ डाले -- कवि तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु

बरसों से सादगी की तलाश रही मुझको ! 


आज तुमसे मिलकर कायल हो गया मैं !! 


*************************


पुराने दौर में सादगी का बड़ा बोलबाला था !! 


नए दौर में हर तरफ लफ़्फ़ाज़ी और मक्कारी है !!


*************************


भरोसा मत तोड़ना कभी भी इंसानियत का तुम ! 


तुम्हारी सादगी तुम्हें हर एक मुकाम दिलाएगी !! 


*************************


तुम्हारे लिबास की सादगी देख मुझको भरोसा है तुम पर ! 


दौलत की दरिया में कभी पाप का घड़ा नहीं भरोगे तुम !! 


*************************


मेरी सादगी का एहसास तुम्हें भी हो जाएगा पास आओ तो सही ! 


इंसान की बस्ती में रहकर शैतानों से रिश्ता नहीं रखते हम !! 


*************************


मुसीबत देख अपने वसूलों से कभी समझौता नहीं किया मैंने ! 


मगर कैसे कहूं तुम्हारी सादगी ने आज मेरे वसूल तोड़ डाले !! 


************* तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु कवि व मंच संचालक अंबेडकरनगर उत्तर प्रदेश !


Popular posts
बस्ती की नई डीएम प्रियंका निरंजन,2013 बैच की आईएएस अफसर है प्रियंका निरंजन।
Image
ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के संस्थापक स्वर्गीय बाबू बालेश्वर लाल की 35वीं पुण्यतिथि को पत्रकारिता दिवस के रूप में में मनाया गया
Image
बस्ती मंडलायुक्त अखिलेश सिंह ने चार्ज ग्रहण किया,2008 बैच के आईएएस है श्री सिंह
Image
खलीलाबाद से बहराइच तक रेल लाइन बिछेगी, डीपीआर रेलवे बोर्ड को प्रेषित
Image
कौन थे राजा विक्रमादित्य, जानिए भारत के इस महाप्रतापी राजा के बारे में जिनका साम्राज्य अरब मिस्र तक फैला था
Image