खुशी की बात थी जो दिल खोल कर बता दिया तुमको !
वरना तुम से बात करना हमारे लिए बहुत मुश्किल था !!
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खुशी पाकर सपनों को पंख लग ही जाते हैं !
मानकर सच्चाई ज़िंदगी में कदम बढ़ाना तुम !!
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मैं दुआ कर रहा हूं खुदा से तुम्हारी उम्र लंबी हो !
क्या पता कुछ खुशियां हमें भी मिल जाएं तुमसे !!
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हमने तो बहुत भरोसा किया था तुम्हारी बातों पर मगर !
हमारी खुशियों पर ग्रहण लगा अच्छा नहीं किया तुमने !!
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तुम्हारे शहर की लड़कियां लड़कों से कहीं शातिर हैं !
अपनी खुशी के खातिर औरों की खुशी छीन लेती हैं !!
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बहाना बनाकर मत छुपाओ अपनी नाकामयाबी !
रहना है खुशहाल तो औरों को खुशी देना सीखो !!
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बचपन में ही उसके सर से उठ गया मां बाप का साया !!
एक तुम हो जिसे विरासत में मिली हैं सारी खुशियां !!
************* तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु कवि व मंच संचालक अंबेडकरनगर उत्तर प्रदेश !