रहना है खुशहाल तो औरों को खुशी देना सीखो -- कवि तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु

खुशी की बात थी जो दिल खोल कर बता दिया तुमको ! 


वरना तुम से बात करना हमारे लिए बहुत मुश्किल था !! 


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खुशी पाकर सपनों को पंख लग ही जाते हैं ! 


मानकर सच्चाई ज़िंदगी में कदम बढ़ाना तुम !! 


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मैं दुआ कर रहा हूं खुदा से तुम्हारी उम्र लंबी हो ! 


क्या पता कुछ खुशियां हमें भी मिल जाएं तुमसे !! 


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हमने तो बहुत भरोसा किया था तुम्हारी बातों पर मगर ! 


हमारी खुशियों पर ग्रहण लगा अच्छा नहीं किया तुमने !! 


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तुम्हारे शहर की लड़कियां लड़कों से कहीं शातिर हैं ! 


अपनी खुशी के खातिर औरों की खुशी छीन लेती हैं !! 


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बहाना बनाकर मत छुपाओ अपनी नाकामयाबी ! 


रहना है खुशहाल तो औरों को खुशी देना सीखो !! 


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बचपन में ही उसके सर से उठ गया मां बाप का साया !! 


एक तुम हो जिसे विरासत में मिली हैं सारी खुशियां !! 


************* तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु कवि व मंच संचालक अंबेडकरनगर उत्तर प्रदेश !