कभी-कभी दूसरों का भी दर्द समझा करो तुम -- कवि तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु

शहर - ए - वफ़ा का ज़िक्र मत करो मुझसे ! 


शहर की हर एक रिवायत से वाक़िफ़ हूं !! 


***********************


अब तो बहुत थक गया हूं मैं दिन भर घूमते घूमते ! 


क्या कुछ दिनों तक मुझको सुकून मिलेगा तुमसे !! 


************************


मैं तुम्हारे नाम का ज़िक्र करते फिर रहा हूं सारे शहर में ! 


लोग खूबियां पूछ रहे हैं मुझसे क्या-क्या बताऊं उनको !! 


*************************


इस जीवन में हमें क्या हासिल हो पाएगा कुछ ठीक नहीं !


ज़माने की हवा इन दिनों कुछ अजीबोगरीब सी लगती है !! 


*************************


अपने दिल का हाल तुम्हें भला कैसे बताऊं मैं ! 


कभी-कभी दूसरों का भी दर्द समझा करो तुम !! 


*************************


तुम्हारे शहर की हर एक लड़की बड़े से प्यार से देखती है मुझको ! 


राखी के त्योहार में कलाई पर राखी बंधवा भाई बन गया सबका !! 


*************************


कदम दो कदम चल कर इधर-उधर देखने की आदत अच्छी नहीं ! 


नवाबों के खूबसूरत शहर में यह आदत तुम्हारी जान ले लेगी!! 


************* तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु कवि व मंच संचालक अंबेडकरनगर उत्तर प्रदेश !


Popular posts
बस्ती :- गाली गलौज देने पर बड़े भाई ने कुदाल से की छोटे भाई की हत्या, हत्यारोंपी फरार, तलाश जारी
Image
सपा के सिद्धार्थ ने जरूरतमंदो को दिया सहयोग, कोरोना को लेकर सरकार से सतर्कता की मांग,प्रवासियों की जांच जरूर करावे
Image
प्रेमी से शादी करने की जिद पूरी न होने से जान देने का प्रयास,गौर पुलिस समझाकर ले आई
Image
सपा नेता वृजेश मिश्र ने सोमवार को गरीबों की झोपड़ी, खेत खलिहान तक पहुंचकर उन्हें खाद्यान्न उपलब्ध कराया
Image
बस्ती:-श्री मती सौम्या अग्रवाल ने कोषागार पहुंच कर जिलाधिकारी पद का लिया चार्ज, देखे वीडियो
Image