मौत हर किसी की ज़िंदगी का अंतिम सच है मगर -- कवि तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु


मौत का आंकड़ा मत पूछिए इन दिनों साहब ! 


कोरोना ने तो मौत का अभियान चला रखा है !! 


*************************


लॉकडाउन व क्वारंटाइन का नतीजा सबके सामने है ! 


सौभाग्य है उनका जो बच गए दुर्भाग्य है जो गुजर गए !! 


*************************


मौत तो हमेशा भयावह तस्वीर रखती है साथ अपने ! 


साथ कोरोना का पाकर इन दिनों हो गई और सयानी !! 


*************************


कोरोना की रफ़्तार से हैरान था हर कोई यहाँ ! 


वैक्सीन की खुशी में दहशत कम हुई शायद !! 


*************************


मौत हर किसी की ज़िंदगी का अंतिम सच है मगर ! 


इस सच्चाई का खुशी से सामना आसान नहीं कभी !! 


*************************


ज़िंदगी और मौत का फ़ासला बहुत कम है इन दिनों ! 


साधु संत कहते हैं मौत आएगी तुम्हें नया रूप देने को !! 


************* तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु कवि व मंच संचालक अंबेडकरनगर उत्तर प्रदेश !