नई दिल्ली। राज्यसभा सांसद अमर सिंह का सिंगापुर में आज इलाज के दौरान मौत हो गई है।जिसकी जानकारी होनेेे के बाद चाहनेे वालों में शोक की लहर है।
राज्यसभा सदस्य अमर सिंह भारतीय राजनीति की ऐसी शख्सियत हैं, जिसकी सियासत ही नहीं बल्कि सिनेमा जगत में भी तूती बोलती थी. अमर मुलायम सिंह यादव के राइट हैंड माने जाते थे तो मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार को बचाकर चाणाक्य का खिताब हासिल किया था, लेकिन आज सिंगापुर में वह जिंदगी की जंग हार गए
एक दौर में रईस, मशहूर, शानदार और जानदार हस्तियों की अपने घर में मेजबानी करने के लिए पहचाने जाने वाले अमर सिंह इन दिनों सिंगापुर के एक अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे थे. कभी भारतीय राजनीति में चाणक्य कहे जाने वाले अमर सिंह की उत्तर प्रदेश की मुलायम सरकार में तूती बोलती थी, बिना उनकी सहमति के एक भी फैसले नहीं हुआ करते थे. इतना ही नहीं केंद्र की यूपीए-1 सरकार को बचाने में भी उन्होंने अहम भूमिका अदा की थी.
अलीगढ़ में हुआ था अमर सिंह का जन्म
अमर की पैदाइश 27 जनवरी, 1956 को अलीगढ़ में हुई. उनके पिता ताले बनाने का एक छोटा-सा कारोबार चलाते थे. जब अमर महज छह साल के थे, उनका परिवार कोलकाता के बड़ा बाजार में जाकर बस गया था. अपने परिवार की बनिस्बतन विनम्र पृष्ठभूमि अमर सिंह के लिए खासी अहम रही. उनके खुद के गढ़े गए मिथकों में से एक यह है कि उन्हें शंकालुओं से प्रेरणा मिलती है, वे नफरत से भी उतने ही प्रेरित होते हैं जितने प्यार से. उनके मुताबिक सबसे पहले उनके पिता ने ही उन पर संदेह किया था. उन्हें लगता था कि उनका बेटा ‘सेंट जेवियर्स या प्रेसिडेंसी सरीखे अच्छे कॉलेज’ में दाखिले की सोचकर अपनी अहमियत को कुछ ज्यादा ही आंक रहा है.
काफी तेज थी अमर सिंह की याददाश्त
अमर सिंह के मुताबिक बहुत कम उम्र से ही उनकी ‘याददाश्त तेज थी’, और हालांकि केमिस्ट्री की पढ़ाई में उनकी कोई खास दिलचस्पी नहीं थी, पर ‘महज बटमारी के दम पर’ उन्होंने डिस्टिंक्शन हासिल किया था. जिसके बाद उन्हें सेंट जेवियर्स में केमिस्ट्री (ऑनर्स) पढ़ने की पेशकश की गई, लेकिन उन्होंने पादरी से कहा कि वे अंग्रेजी साहित्य पढ़ना चाहते हैं. सेंट जेवियर्स ने उन्हें ‘अच्छी जिंदगी’ की झलक दिखाई और उनके कंधे पर यह चस्पां कर दिया कि वे इसका खर्चा नहीं उठा सकते.