डरिए नहीं हर खांसी जुकाम बुखार कोरोना नहीं है--एल.के.पाण्डेय,भादों कुँवार मे ऋतु परिवर्तन से होता है ज़ुकाम बुखार खांसी


बस्ती ।आजकल इस महीने अगस्त जिसे हिंदी महीने मे भादो आने वाले महीने कुआर मे जुखाम बुखार खांसी हमेशा होता रहा आज भी हो रहा है क्योंकि यह ऋतु परिवर्तन है बरसात का मौसम चारों तरफ पानी जमा है यानी मच्छरों का मौसम डेंगू मलेरिया चिकनगुनिया मस्तिष्क ज्वर की बीमारी हमें इन बीमारियों से भी इन बीमारियों में भी बुखार सरदर्द खासी जुखाम होता है लेकिन कोरोना से इतने डरे हुए हैं मौसमी बीमारी भी कोरोना लगती है वर्तमान में बिना किसी लक्षण के भी कोरोना के मरीज जांच के दौरान मिल रहे है हम लोग पहले भी जुखाम बुखार खांसी होने पर लोगों से दूरी बनाकर रहते थे घरों में छोटे बच्चों बुजुर्गों से दूर रहते थे क्योंकि हम जानते थे यह छुआछूत की बीमारी छीकते समय रुमाल अंगोछा या कोहनी का प्रयोग करते थे कोरोना मे सूखी खांसी सांस लेने में दिक्कत ऑक्सीजन लेवल का कम होना तेज बुखार होता है यह भी छूत की बीमारी है लोगों से कम से कम 2 गज की दूरी मास्क पहनना जरूरी है तथा हाथों को साबुन से धोना अनावश्यक घरों से बाहर न निकलना काढ़ा अदरक तुलसी का प्रयोग करना हमारे पूर्वज स्वस्थ रहने के जो नियम बनाए थे वह मौसम के हिसाब से थे जैसे भादो माह में साग ग्वार में दूध को वर्जित किए गांव में दिन डूबने के बाद मच्छरों से बचने के लिए ढूंगे का प्रयोग करते गरिष्ठ भोजन ना करने की सलाह देते थे वर्तमान मौसम में हल्का भोजन ताजा भोजन अधिक से अधिक मात्रा में नींबू प्याज लेसन का प्रयोग करना चाहिए हमारा स्वास्थ्य हमारे हाथ में नियमित रूप से व्यायाम की आदत डालें की बहाने शारीरिक श्रम होगा एक निवेदन है कि खुद डॉक्टर ना बन साधारण सर्दी जुखाम बुखार हो सांस लेने में दिक्कत हो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें उन्हीं की देखरेख में जांच इलाज कराएं ना सोयम डरे ना तो दूसरे को डर आए स्वस्थ रहे मस्त रहे


 रोटरी पी.आर.ओ.-एल.के पाण्डेय ने सभी से अपील करते हुए 15 अगस्त की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा की शारीरिक दूरी मास्क का प्रयोग करते हुए कम से कम लोग इकट्ठा हो , झंडारोहण करें तिरंगे को दिल में फहराए सामाजिक समरसता जरूरतमंदों की मदद एक दूसरे के सुख दुख में भाग ले यही निवेदन है हम भारतवासी अपने दुश्मनों से कायदे से लड़ना जानते हैं भला कोरोना की क्या औकात है।