योगी ने डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी के साथ शीर्ष पुलिस अधिकारियों को किया तैनात,बोले ये टीम विकास दूबे को मारकर या पकड़कर ही वापस आएगी


कानपुर के हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के गांव दबिश देने के दौरान शहीद आठ पुलिसकर्मियों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कानपुर पुलिस लाइन जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने कानपुर में डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी के साथ शीर्ष पुलिस अधिकारियों को तैनात कर दिया।]


सीएम योगी आदित्यनाथ ने साफ कहा है कि अब यह अधिकारी केवल कानपुर से वापस जाएगा जब तक यह टीम विकास दुबे को पकड़ नहीं लेती या फिर मुठभेड़ में धारशाई नहीं कर देती है। उन्होंने पुलिस कर्मियों की हत्या को लेकर सख्त आदेश दिए और कहा कि सभी आला अधिकरियों से कहा गया है कि जब तक हिस्ट्रीशीटर विकास दोबे खत्म ना हो जाए तब तक घटनास्थल पर ही कैंप करें। दरअसल इस घटना से अपराधियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टालरेंस नीति को खुली चुनौती दी है। जिसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने सख्त तेवर अपनाते हुए अनिश्चितता से लिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सुबह की ही तरह इस घटना के बारे में पता चला उन्होंने पुलस के आला अधिकारियों को सख्त निर्देश देकर तुरंत कार्रवाई करने का आदेश दिया है। 


बता दें पुलिस द्वारा जारी बयान के मुताबिक अपराधी कल रात को मुठभेड़ के बाद पुलिसकर्मियों के हथियार भी छीन ले गए, जिसमें एके 47 राइफल, एक इंसास राइफल, एक ग्लाक पिस्तौल और दो नाइन एमएम पिस्तौल शामिल हैं। पुलिस ने बताया कि शुक्रवार सुबह मारे गए दोनों अपराधियों में से एक के पास से पुलिस से लूटा गया एक हथियार बरामद कर लिया गया है। कुछ आरोपी अभी तक पुलिस की पकड़ से दूर हैं जिनकी तलाश पुलिस के साथ एसटीएफ भी कर रही है।


पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि चौबेपुर थाने के दिकुरु गांव में रहने वाले हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने के लिए बृहस्पतिवार की देर रात पुलिस टीम गयी थी। दुबे पर 60 आपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस दल जैसे ही दुबे के छिपने के ठिकाने पर पहुंच गए, अचानक छत से गेंदों की बौछार शुरू हो गयी और पुलिस उपाधीक्षक देवेंद्र मिश्रा, तीन उप निरीक्षक और चार कांस्टेबल की इस चेतावनी में मौत हो गयी।


शुक्रवार सुबह कानपुर के पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने 'भाषा' को घटनास्थल से फोन पर बताया, '' कल रात की घटना के बाद सुबह निक्षेप के पास भागे अपराधियों के साथ एक अन्य मुठभेड़ में दो अपराधी मारे गए हैं, जिनकी पहचान प्रेम पांडेय और अतुल दुबे के रूप में हुई है। रात में शहीद पुलिसकर्मियों से लूटे गये हथियारों में से एक पिस्तौल शुक्रवार सुबह मुठभेड़ में मारे गये एक अपराधी के पास से बरामद हो गयी है। '


उधर कानपुर में एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि सात घायलों में पांच पुलिसकर्मी, एक होमगार्ड और एक आम नागरिक हैं। घायलों में थानाध्यक्ष बिठूर कौशलेंद्र प्रताप सिंह भी शामिल हैं।


इससे पहले आईजी अग्रवाल ने बताया कि फरार अपराधियों के पीछे पुलिस लगी है। जल्द ही वे भी पुलिस की गिरफ्त में होंगे। पुलिस महानिदेशक एच। सी अवस्थी ने सुबह बताया था कि विकास दुबे कानपुर का शातिर अपराधी और हिस्ट्रीशीटर है जिसके ऊपर 60 मुकदमे दर्ज हैं। कानपुर के राहुल तिवारी नाम के व्यक्ति ने उसके खिलाफ एक मुकदमा दर्ज किया था।


मृतकों में सोनहौर के क्षेत्राधिकारी डीएसपी देवेंद्र मिश्रा (54), थानाध्यक्ष शिवराजपुर महेश कुमार यादव (42), उप निरीक्षक अनूप कुमार सिंह (32), उप निरीक्षक नेबू लाल (48), कांस्टेबल जितेंद्र पाल (26), सुल्तान सिंह (35) , बबलू कुमार (23) और राहुल कुमार (24) शामिल हैं।


दुबे के ऊपर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था। उसे एसटीएफ ने राजधानी के कृष्णानगर इलाके से 2017 में गिरफ्तार किया था। उसके पास से एक स्वचालित राइफल और काफी संख्या में कारतूस बरामद किए गए थे।


डीजीपी ने बताया कि दुबे पर दबिश डालने के लिए दकारु गाँव में एक पुलिस दल मौके पर पहुंच गया जहां पुलिस को रोकने के लिए अपराधियों ने पहले से ही जेसीबी आदि लगाकर रास्ता रोक रखा था।