विकास दुबे के लखनऊ के मकान जे 424 को भी गिराया जाएगा,डेवलेपमेंट अथॉरिटी ने किया मुआयना,जमीन के मालिकाना हक,नक्शे जरूरी दस्तावेज जांच के लिए टीम ने अपने कब्जे में ले लिए हैं.


लखनऊ: कानपुर में 8 पुलिस मुलाज़िमीन के कत्ल का मुल्ज़िम विकास दुबे के लखनऊ के इंद्रलोक मे मौजूद मकान जे 424 को भी गिराया जा सकता है. लखनऊ डेवलपमेंट अथॉरिटी की टीम ने घर का मुआयना भी कर लिया है. मकान को गिराने के अमल को पूरा करने का काम चल रहा है. जमीन के मालिकाना हक, तामी के नक्शे और दीगर जरूरी दस्तावेज जांच के लिए टीम ने अपने कब्जे में ले लिए हैं. लखनऊ डेवलेपमेंट अथॉरिटी को शुरुआती पड़ताल में पता चला है कि विकास दुबे का यह मकान गौर कानूनी तौर पर बना है.



जमीन के मालिकाना हक, निर्माण के मानचित्र व अन्य जरूरी दस्तावेज देखे जा रहे हैं। एलडीए को शुरुआती पड़ताल में पता चला है कि विकास दुबे के भाई दीप प्रकाश दुबे का यह मकान अवैध बना है। इसे गिराने के लिए अधिकारियों की बैठक चल रही रही है। प्राधिकरण सचिव मंगला प्रसाद सिंह इसको लेकर खुद इंजीनियरों के साथ मीटिंग कर रहे हैं। आज रात में या रविवार को मकान गिराया जा सकता है।उसके मकान में सरकारी कार भी मिली जो नीलामी में खरीदी गई थी 



इससे पहले इस मामले में देर रात विकास दुबे के दोस्त दयाशंकर अग्निहोत्री को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तारी के बाद दयाशंकर ने कई अहम खुलासे किए हैं. दयाशंकर ने बताया है कि पुलिस की दबिश से पहले विकास दुबे के पास किसी थाने से फोन आया था. हांलाकि ये अभी साफ नहीं है कि विकास को ये फोन किसने किया था.


दयाशंकर ने यह भी बताया कि विकास और उसके दोस्तों ने पुलिस पर फायरिंग की थी. विकास ने ही फोन करके बदमाशों को बुलाया था.  विकास के घर पर बहुत सारे लोग मौजूद थे जिनके पास गैर कानूनी असलाह थे. इन्हीं हथियारों से पुलिस मुलाज़िमीन पर फायरिंग की गई थी. दयाशंकर ने बताया कि गांव के पास एक बगिया में गैंग की बैठक होती थी. 


क्या है मामला


कानपुर देहात के चौबेपुर थाना इलाके के तहत आने वाले गांव बिकरू में 2 जुलाई की देर रात विकास दुबे और उसके गुर्गों ने पुलिस टीम पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी. इस वारदात में आठ पुलिस मुलाज़िम शहीद हो गए थे. दरअसल, पुलिस टीम विकास दुबे को एक कत्ल के इल्ज़ाम में गिरफ्तार करने पहुंची थी.


 खुलासे किए हैं. दयाशंकर ने बताया है कि पुलिस की दबिश से पहले विकास दुबे के पास किसी थाने से फोन आया था. हांलाकि ये अभी साफ नहीं है कि विकास को ये फोन किसने किया था.


दयाशंकर ने यह भी बताया कि विकास और उसके दोस्तों ने पुलिस पर फायरिंग की थी. विकास ने ही फोन करके बदमाशों को बुलाया था.  विकास के घर पर बहुत सारे लोग मौजूद थे जिनके पास गैर कानूनी असलाह थे. इन्हीं हथियारों से पुलिस मुलाज़िमीन पर फायरिंग की गई थी. दयाशंकर ने बताया कि गांव के पास एक बगिया में गैंग की बैठक होती थी. 


क्या है मामला


कानपुर देहात के चौबेपुर थाना इलाके के तहत आने वाले गांव बिकरू में 2 जुलाई की देर रात विकास दुबे और उसके गुर्गों ने पुलिस टीम पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी. इस वारदात में आठ पुलिस मुलाज़िम शहीद हो गए थे. दरअसल, पुलिस टीम विकास दुबे को एक कत्ल के इल्ज़ाम में गिरफ्तार करने पहुंची थी.


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