राष्ट्रीय श्रम संगठनों के संयुक्त आवाहन पर प्रधानमंत्री,मुख्यमंत्री को सम्बोधित 10 सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी के प्रशासनिक अधिकारी को सौपा


बस्ती । राष्ट्रीय श्रम संगठनों के संयुक्त आवाहन पर शुक्रवार को एटक के राज्य कमेटी सदस्य का. अशर्फीलाल सीटू के का. के.के. तिवारी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को सम्बोधित 10 सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी के प्रशासनिक अधिकारी के माध्यम से भेजा गया।


का. अशर्फीलाल एवं के.के. तिवारी ने कहा कि मजदूरों, किसानों के अधिकारों पर लगातार हमले हो रहे हैं, श्रम कानूनों में संशोधन की एक तरफा घोषणा हो रही है। मण्डी कानूनों में परिवर्तन किया जा रहा है, यह स्थितियां बहुत घातक और जन विरोधी हैं। 


ज्ञापन में आयकर न देने वाले सभी परिवारों को 6 माह तक प्रतिमाह 7500 रूपया दिये जाने, सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से जरूरतमंद सभी व्यक्तियों को 10 किलो प्रति यूनिट अनाज 6 माह तक मुफ्त दिये जाने, मनरेगा में दो सौ दिन का काम देकर मजदूरी 500 रूपया प्रतिदिन किये जाने, प्रवासी मजदूरों की वापसी को देखते हुये मनरेगा का बजट बढाये जाने, शहरी क्षेत्र के लिये भी इस तरह की योजना बनाये जाने, उत्तर प्रदेश में स्थायी श्रम समिति घोषित किये जाने, काम के घंटे बढाने सहित सभी श्रमिक विरोधी श्रम कानूनों में संशोधन को वापस लिये जाने, रेलवे, कोयला, रक्षा, बैंक, बीमा एवं बिजली सहित अनेक सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं के निजीकरण को रोके जाने, सभी के लिये स्वास्थ्य हेतु कानून बनाने, सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत किये जाने, कोरोना से मुकाबला कर रहे अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों, डाक्टर, नर्स, स्वास्थ्यकर्मी, सफाई कर्मचारी, आगनवाडी, आशा, पुलिस आदि को आवश्यक सुरक्षा उपकरण आवश्यकतानुसार उपलब्ध कराये जाने, केन्द्र एवं राज्य सरकारों के दिशा निर्देश के अनुसार मालिकों से मजदूरों को 50 दिन का वेतन दिलाये जाने, पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल किये जाने आदि की मांग शामिल है। 


शारीरिक ज्ञापन देने वालों में पेंशनर्स एसोसिएशन अध्यक्ष जलालुद्दीन कुरेशी, माकपा सचिव रामगढी चौधरी, बिजली कर्मचारी संघ के रामकुमार मौर्य, विनोद कुमार शुक्ल, संजय कुमार, राजेन्द्र चौधरी, राकेश गौड़, जगदम्बा प्रसाद उपाध्याय, एकटू के का. रामलौट, परशुराम, रमेश चन्द्र जोखनराम, राममूर्ति चौधरी, संतराम आदि शामिल रहे।