निजी विधालय के प्रबंधकों ने अभिभावकों से की अपील,भ्रम दूर करने की पहल की


प्रिय अभिभावकों


                             अपील


मंगलवार को बस्ती जनपद के सीबीएसई स्कूल के मैनेजर और जिला प्रशासन के बीच एक बैठक हुई थी। जिसमें अभिभावकों की शंका दूर करने का प्रयास किया गया था कि किसी भी प्रकार की फीस शासन या सरकार द्वारा माफ नहीं की गई है। उस बैठक का मात्र उद्देश्य था कि जो सक्षम अभिभावक है वह अपने बच्चो की फीस विद्यालय के कार्यालय में जाकर जमा कर सकते हैं। लेकिन कल समाचार पत्रों में उक्त समाचार छपने के बाद कुछ लोगों द्वारा उसको समाज में गलत प्रकार से प्रसारित किया जा रहा है इस संदर्भ में बस्ती जनपद के सभी अभिभावकों को हम बताना चाहते हैं कि जिला प्रशासन और विद्यालयों के प्रबंधकों का बीच जो मीटिंग हुई उसका मात्र यह उद्देश्य था कि जो भी अभिभावक सक्षम है वह अपने बच्चो की फीस जमा कर सकते हैं और जिनको कोई भी फीस जमा करने में समस्या है वह अभिभावक अपने बच्चों के विद्यालय के कार्यालय में जाकर प्रार्थना पत्र देंगे और अपनी समस्या बताएंगे तो कोई भी विद्यालय आपके बच्चों का नाम ना तो काटेगा और ना ही ऑनलाइन क्लासेज से हटाएगा। 


आपको यह भी बताना है कि हम सरकार के निर्देश पर इस वर्ष बस्ती जनपद के सभी प्रबंधकों ने अपने विद्यालय के बच्चों की किसी प्रकार की कोई फीस नहीं बढ़ाई है और सरकार के मना करने के बाद हमने ट्रांसपोर्ट की फीस भी अभिभावकों से नही ली है जबकि हम ट्रांसपोर्ट में अपने ड्राइवरों ,कंडक्टरों के अतिरिक्त मेंटेनेंस गाड़ियों की किस्त स्वयं विद्यालय अपने पास से वहन कर रहा है अगर कोई भी बस्ती जनपद का विद्यालय सरकार के इस आदेश का उल्लंघन करता हुआ आपको मिलता है या फीस बढ़ाई हुई मिलती है तो आप इसकी शिकायत हमारे संगठन को भी और जिला प्रशासन को भी कर सकते हैं।


आप सभी जानते हैं कि निजी विद्यालय अपने संसाधनों से चलते हैं इनके ऊपर बैंकों का कर्ज अपने विद्यालय के वाहनों का लोन के अतिरिक्त शिक्षकों कर्मचारियों के वेतन का खर्च रहता है और यह खर्च आप सभी सम्मानित अभिभावक ही पूरा करते हैं और इस कोविड-19 में जहां सरकार हजारों लोगों को रोजगार देने की बात कर रही है वहीं अगर हम अपने बच्चो की फीस नहीं जमा करेंगे तो केवल बस्ती जनपद में लाखों शिक्षक ऐसे होंगे जो निजी संस्थानों में कार्य करते होंगे व भुखमरी के शिकार हो जाएंगे । और इसी समस्या को देखते हुए उत्तर प्रदेश की ही सरकार ने नहीं हिंदुस्तान के सभी राज्यों की सरकारों ने निजी विद्यालयों की फीस जमा करने हेतु अभिभावकों से निवेदन किया है जिससे निजी विद्यालयों के शिक्षक भी अपना परिवार चला सके। ऑनलाइन क्लासेज को लेकर भी कुछ लोग भ्रांति फैलाने का प्रयास कर रहे हैं और कह रहे कि या फीस लेने का केवल बहाना है इस संदर्भ में भी हम आपसे निवेदन करना चाह रहे हैं कि हम स्कूल के लोग तो कह रहे थे कि यह क्लास चलाना बहुत ही कठिन काम है हम सरकार और सीबीएसई बोर्ड के निर्देश पर इन क्लासों को चला रहे हैं लेकिन माननीय उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि शिक्षक इस ऑनलाइन क्लास में ऑफलाइन क्लास से दोगुनी मेहनत कर रहे हैं ऐसे में उनको वेतन मिलना चाहिए और न्यायालय ने यह भी कहा है कि वेतन विद्यालय तभी दे सकेंगे जब अभिभावक उक्त विद्यालय में फीस जमा करेंगे इस भ्रांतियों के संदर्भ में भी आपको यह भी बताना है कि उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने सोशल मीडिया में जिस प्रकार कुछ लोगो द्वारा फीस को लेकर भ्रांति फैला रहे है यहां ठीक नही है उन्होंने एक बयान जारी कहा की फीस किसी भी प्रकार की माफ नहीं है और जो लोग इस प्रकार की भ्रांति फैलाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अतः आपसे निवेदन है कि हमारा उद्देश्य आपके बच्चो को पढ़ाना है और कोविड-19 में आपका बच्चा 6 से महीने 8 महीने तक ऐसा ना हो कि घर पर रह जाए और फिर उसक पढ़ाई में मन ना लगे हाईस्कूल और इंटर के बच्चों का रिपोर्ट कार्ड एक बार ही बनता है ऐसा ना हो कि 2021 फरवरी में जब हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा हो तो उसके नंबर कम हो जाए उसका कोर्स कंप्लीट ना हो पाए सभी विद्यालय परिवार चिंतित है और हम सभी बच्चो के लिए ऑनलाइन क्लास शुरू किए हैं ।आप सभी अभिभावकों का सहयोग और आशीर्वाद विद्यालयों को इसी प्रकार मिलता रहेगा तो हम आपके पाल्यो के लिए हमेशा इसी प्रकार चिंतित रहेंगे ।


धन्यवाद 


अनूप खरे


 प्रदेश संगठन मंत्री सीबीएसई मैनेजर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश