लोकल टू वोकल के तहत मैत्री संस्था ने घरेलू सामानों को बाज़ार से जोड़ा. 


नोयडा: लोकप्रिय प्रधानमंत्री की उत्कृष्ट योजना लोकल टू वोकल के तहत मैत्री संस्था ने लघु उद्योग से जुड़ी महिलाओं के घरेलू सामानों को बाज़ार से जोड़ने का कार्य वृहद पैमाने पर कर रही है ताकि उनके समान को मार्केट और ख़रीदार मिल सके और उन्हें भटकना नहीं पड़े, जिसके अभाव में लाखों लघु उद्योग सुस्त पड़े है। अब ऐसे सामानों को बाज़ार के बड़े -बड़े आउट लेट में उपलब्ध कराया और बेचा जाएगा। 


सीमा रस्तोगी, जो कि ग्रेटर नोएडा में रहती हैं पिछले कुछ सालों से घर से ही नमकीन बना कर सोसाइटी में ही बेच रहीं थी और वो अपने सामान के लिए न तो मार्केटिंग कर सकती थी और न इसके लिए उनके पास पैसे थे। ऐसे में मैत्री संस्था ने उनकी मदद की और अब उनके सामान बड़े-बड़े आउट लेट के माध्यम से बिक रहे है। ऐसे ही दिल्ली की अफ़रोज़ घर में अपने हाथों से चुडिया और जंक जुलरी बनाती हैं, अब उन्हें भी मैत्री संस्था ने बाज़ार से जोड़ा है। 



संस्था की संस्थापिका नम्रता नारायण का कहना है कि उनके साथ कई राज्यों की लघु उद्योग से जुड़ी महिलाएं जुड़ी है इससे उन महिलाओं की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा, और इससे निश्चित रुप से देश की तरक़्क़ी होगी और लोग आगे बढ़ेंगे। संस्था के पुनीत गोस्वामी का कहना है कि अब समय आ गया है कि चीनी और विदेशी सामानों का बायकाट किया जाए हम इस मुहिम से जुड़कर आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए एकजुट हों और प्रधानमंत्री मोदीजी एवं देश के सपनों को साकार करें।