हीमोग्लोबिन क्या है और इसका स्तर सामान्य होना इतना जरूरी क्यों


सेहत । कई बार ऐसा होता है कि व्यक्ति को हरदम थकान, सांस फूलना, चिड़चिड़ापन, सिरदर्द, व घबराहट जैसी समस्याएं होती हैं। जब आप डॉक्टर के पास जाते हैं और वह टेस्ट करते हैं तो अक्सर पाया जाता है कि आपके शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी है। इस स्थिति में व्यक्ति को एनीमिक भी कहा जाता है। अब मन में एक सवाल यह उठता है कि आखिरकार हीमोग्लोबिन क्या है और इसका स्तर सामान्य होना इतना जरूरी क्यों है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको हीमोग्लोबिन, उसके सामान्य स्तर व उसकी महत्ता जैसे महत्वपूर्ण बातों के बारे में बता रहे हैं−


हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाने वाला एक प्रोटीन है जो चार श्रृंखलाओं से बना होता है। इनमें से प्रत्येक श्रृंखला में हीम नामक एक यौगिक होता है, जो आयरन में बदलता है और रक्तप्रवाह में ऑक्सीजन का परिवहन करता है। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं को शेप देने के लिए भी जिम्मेदार होते हैं। इसलिए जब हीमोग्लोबिना असामान्य होता है तो लाल रक्त कोशिकाओं का आकार असामान्य होने के कारण कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं जन्म लेती हैं। हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि रक्त का लाल होने के पीछे का कारण हीमोग्लोबिन का पिगमेंट होता है


कार्य


हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, हीमोग्लोबिन का सामान्य स्तर होना बेहद जरूरी है, क्योंकि यह शरीर में एक बेहद ही महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का निर्वाह करते हैं। दरअसल, रक्त में मौजूद हीमोग्लोबिन फेफड़ों से शरीर के शेष भाग तक आक्सीजन का परिवहन करते हैं। इस लिहाज से अगर देखा जाए तो शरीर में हीमोग्लोबिन कम होने पर रक्त में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। साथ ही शरीर के सभी अंगों तक आक्सीजन पर्याप्त मात्रा में भी नहीं पहुंच पाता। 


हेल्थ के जानकार बताते हैं कि हीमोग्लोबिन का स्तर सीबीसी अर्थात कंप्लीट ब्लड काउंट के आधार पर चेक किया जाता है। वैसे हीमोग्लोबिन का स्तर उम्र व लिंग के आधार पर अलग−अलग होता है। जहां एक वयस्क पुरुष के लिए औसत सीमा 13.8 से 17.2 g / dl है और एक वयस्क महिला के लिए 12.1 से 15.1 g / dl है। 


मिताली जैन