गोरखपुर में भी होगा कोरोना वैक्सीन का ट्रायल, देश के अन्य 11 शहर भी करेंगे ट्रायल


गोरखपुर। कोरोना वैक्सीन का ट्रॉयल अपने गोरखपुर में भी होगा। इस वैक्सीन को भारत बायोटेक बना रही है। देश में इस वैक्सीन का ट्रॉयल 11 शहरों में होगा जिसमें गोरखपुर भी शामिल है।


गोरखपुर के अलावा ओडिशा के भुवनेश्वर, आंध्र प्रदेश के विशाखापटनम, हरियाणा के रोहतक, नई दिल्ली, बिहार के पटना, कर्नाटक के बेलगाम, महाराष्ट्र के नागपुर, तमिलनाडु के कट्टंकुलाथुर, तेलंगाना के हैदराबाद, गोवा और यूपी के कानपुर के अस्पतालों में इस ह्यूमन ट्रायल को अंजाम दिया जाएगा।


गोरखपुर के प्राइवेट अस्पताल के दो डॉक्टरों ने इसमें रुचि दिखाई। उन्होंने भारत बायोटेक, रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च को पत्र लिखा था। भारत बायोटेक ने इसकी मंजूरी दे दी। तीन से चार दिन में वैक्सीन गोरखपुर पहुंचेगी। सात जुलाई से ट्रॉयल का पहला चरण शुरू होगा।



फिजीशियन डॉ. अजीत प्रताप सिंह व स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. सोना घोष इसका ट्रॉयल आईसीएमआर व आरएमआरसी की निगरानी में करेंगे।


आईसीएमआर ने विकसित किया है वायरस के स्ट्रेन को


इस वैक्सीन के लिए वायरस के स्टेन को स्वदेशी तकनीक से विकसित करने में आईसीएमआर (इं‌डियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) को सफलता मिली।


यह वायरस शरीर के अंदर कोरोना से लड़ने के लिए एंटीबॉडी विकसित करेगा। इस क्षमता को विकसित करने वाला आईसीएमआर विश्व के चुनिंदा पांच संस्थानों में से एक है।


आईसीएमआर ने भारत बायोटेक के सहयोग से कोरोना की वैक्सीन बनायी है। शासन की तरफ से वैक्सीन के ट्रॉयल की मंजूरी मिल गई है। इसके बाद भारत बायोटेक ने ट्रॉयल के लिए डॉक्टरों की टीम का चयन कर लिया है।


इसमें दिल्ली, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक , तमिलनाडु, बिहार, तेलंगाना, ओडिसा, गोवा के अलावा सूबे में कानपुर व गोरखपुर के डॉक्टर शामिल है। इस टीम में गोरखपुर के फिजीशियन डॉ. अजीत प्रताप सिंह व स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. सोना घोष शामिल हैं। दोनों महानगर के निजी अस्पताल में तैनात है।