बनने लगा मार्ग महूघाट विशेषरगंज,ग्रामीणों एवं समाजसेवी चन्द्रमणि पाण्डेय का प्रयास लाया रंग


बस्ती :- कौन कहता है कि अकेला चना भाड नहीं फोड सकता सच्चे मन से प्रयास किया जाय तो आसमान में भी छेद किया जा सकता जी हां दशकों से बडे बडे गड्ढों के चलते नाले में तब्दील दो दो राष्ट्रीय राजमार्गों लखनऊ गोरखपुर व रामजानकी मार्ग को जडने वाले महूघाट विशेषरगंज को दुरुस्त कराने की मांग सपा सरकार से ही क्षेत्र के दर्जनों गांवों के ग्रामीणों संग समाजसेवी चन्द्रमणि पाण्डेय सुदामाजी जी दशकों से करते चले रहे हैं यहां तक कि उनके द्वारा सैकडों ग्यापन दर्जनों धरना प्रदर्शन के साथ साथ अप्रैल 2018में सेल्फी विथ गड्ढा व जुलाई 2016 में सडक पर धान की रोपाई कर विरोध प्रदर्शन हुआ फलतः एक बार निदूरी से विशेषरगंज व एक बार नरायनपुर से महूघाट तक लेपन कार्य हुआ जो कि दो तीन माह भी नहीं चल सका फलतः समाजसेवी ने न केवल दो बार जिलाधिकारी बस्ती को ग्यापन सौंपकर सडक निर्माण की मांग दोहराया अपितु 8नवम्बर 2019को जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव कर धरने पर बैठ गये अधिकारियों ने सडक पास होने का आश्वासन देते हुए शीघ्र सडक निर्माण की बात कहते हुए धरना समाप्त कराया किन्तु 6माह बीत जाने पर भी काम नहीं शुरू हुआ तो श्री पाण्डेय ने सरकार के गड्ढा मुक्त सडकों के दावों का पोल खोलते हुए बीते जून माह में एक बार पुनः सडक पर धान रोपाई कर विरोध जताते हुए चेतावनी दिया कि यदि एक माह के अन्दर सडक का गुणवत्तापूर्ण निर्माण नहीं हुआ तो अमहट पुल निर्माण की भांति बेमियादी आमरण अनशन होगा परिणाम स्वरूप प्रसासन ने आनन फानन में सडक निर्माण का कार्य शुरू कर दिया सडक निर्माण शुरू होने से क्षेत्र के महूघाट, बडहर,बेलाडे,हतवा,सहरायें,संग्रामपुर, पहितिया,भिरवा,पूरेअजवी,नरायनपुर, बसडीला, अटवा,पौली,नदायें,डुहरिया,निदूरी,भुसुडिया,दांवरिपारा सहित उस मार्ग से तहसील व अन्य कार्यों से हर्रैया आने जाने वाले सैकडों गांवों के लोगों में प्रसन्नता की लहर व्याप्त है।