लखनऊ उत्तर प्रदेश में बकरीद (Bakr Eid 2020) मनाए जाने को लेकर छिड़े राजनीतिक जंग के बीच योगी आदित्यनाथ सरकार ने कोरोना महामारी और सावन के महीने को देखते हुए जानवरों की कुर्बानी से संबंधित गाइडलाइन जारी की है। इसके अलावा सभी धार्मिक स्थलों पर भीड़ ना इकट्ठा होने के निर्देश भी दिए हैं। बता दें कि पूरे देश में बकरीद 1 अगस्त को मनाई जाएगी।
गाइडलाइन के मुताबिक, खुले स्थान पर कुर्बानी और गैर मुस्लिम इलाकों से खुले रूप में मांस ले जाने पर प्रतिबंध रहेगा। वहीं, यूपी के डीजीपी की तरफ से भी एक पत्र जारी कर सांप्रदायिक भावनाओं का ध्यान रखने के लिए कहा गया है। पत्र में कहा गया है कि कुर्बानी के दौरान गोवंश हत्या से पहले भी सांप्रदायिक तनाव की कई घटनाएं हो चुकी है इसलिए इस पर खास ध्यान रखा जाए।
ड्रोन से रखी जाएगी निगरानी
पत्र में कहा गया है कि पुलिस लाउडस्पीकर का इस्तेमाल कर कोरोना से बचने के लिए लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाए। सोशल मीडिया पर भी नजर बनाए रखे और गलत सूचनाएं वायरल करने वालों पर सख्त ऐक्शन ले। थाना प्रभारी और सीओ छोटी छोटी घटना को भी गंभीरता से लें। प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी की अफवाहों से इलाकों में तनाव पैदा हो जाता है। इसलिए इन सब बातों का पुलिस अधिकारी ध्यान रखें। खास बात यह है कि इस बार ड्रोन की सहायता से निगरानी रखी जाएगी। संवेदनशील इलाकों की निगरानी ड्रोन के जरिये होगी।
जानें बकरीद पर UP में क्यों छिड़ा है विवाद?
एसपी सांसद के बयान पर चल रही राजनीति आपको बता दें कि कोरोना के संक्रमण काल के बीच यूपी में बकरीद के रोज नमाज के लिए मस्जिदों और ईदगाह को खोलने के एसपी सांसद के बयान पर राजनीति शुरू हो गई है। एक तरफ जहां समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान ने बकरीद के मौके पर बाजारों को खोलने के साथ-साथ दुआ के लिए मस्जिदों को खोलने की वकालत की है, वहीं बीजेपी ने उनके बयान पर निशाना साधते हुए कोरोना के संक्रमण काल में घर पर रहकर नमाज पढ़ने की बात कही है।