यू पी में 2 से 10 प्रतिशत तक स्टाम्प ड्यूटी बढ़ाने की तैयारी, राजस्व में 400 करोड़ वृद्धि का अनुमान


उप्र सरकार अपनी आय में वृद्धि के विभिन्न उपाय तलाश रही है। इसी क्रम में वह विभिन्न तरह के मौजूदा विलेखों पर स्टाम्प ड्यूटी में दो फीसदी से लेकर दस फीसदी तक बढ़ाने की तैयारी में है। स्टाम्प व रजिस्ट्रेशन विभाग ने महाराष्ट्र,कर्नाटक और गुजरात राज्य का अध्यन कर करीब छह माह पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष प्रजेंटेशन दिया था। जिसके आधार पर स्टाम्प शुल्क में बढ़ोतरी किये जाने का कैबिनेट प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसके अतिरिक्त स्टाम्प देयता से वर्तमान में बाहर के दस नए क्षेत्रो को शामिल करने की योजना है। इसके लिए भारतीय स्टाम्प अधिनियम 1899 की अनुसूची एक ख में बदलाव करना होगा। स्टाम्प शुल्क के वृद्धि से 400 करोड़ रुपये की आय बढ़ने की उम्मीद है जबकि अंतिम फैसला कैबिनेट को करना है।उम्मीद है कैबिनेट उत्तर प्रदेश के प्रतिव्यक्ति ये की तुलना महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक राज्य के प्रतिव्यक्ति आय का तुलनात्मक अध्यन जरूर करेगी।राजिस्टरिंग शुल्क का नवीनीकरण तो फरवरी में हो चुका है।


 यह वृद्धि का प्रस्ताव सामान्य ब्यानहल्फ़ी से लगायत बैंक गारंटी,टीवी, सिनेमा, रेडियो विज्ञापन के अनुबंध, बौद्धिक संपदा अधिकार अनुबंध,फ्लोर एरिया रेशियो बढ़ाने पर भी स्टांप शुल्क,कॉरपोरेट सेक्टर में,ई-नीलामी के दायरे में ,बड़े मूल्य व दान की संपत्ति पर बाजार दर पर स्टांप शुल्क,टोल टैक्स पट्टे पर भी स्टांप शुल्क,लीज व पट्टे पर,जमानती बांड या बंधक पत्र,शेयर के आवंटन व परित्याग पर ,पट्टे का अंतरण,कार्य संविदा आदि को या तो जोड़े जाने या फिर वर्तमान दर में वृद्धि किया जाना शामिल है